संविधान संशोधन- 55वाँ: Difference between revisions

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*इसके लिए संविधान में एक नया अनुच्छेद 371 एच जोड़ा गया है।  
*इसके लिए संविधान में एक नया अनुच्छेद 371 एच जोड़ा गया है।  
*अन्य बातों के अलावा, इस अनुच्छेद में अरुणाचल प्रदेश के [[राज्यपाल]] को प्रदेश की अत्यंत नाजुक स्थिति के कारण कानून और व्यवस्था के क्षेत्र में विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है।  
*अन्य बातों के अलावा, इस अनुच्छेद में अरुणाचल प्रदेश के [[राज्यपाल]] को प्रदेश की अत्यंत नाजुक स्थिति के कारण क़ानून और व्यवस्था के क्षेत्र में विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है।  
*इसके अनुसार अपने दायित्वों को पूरा करने में राज्यपाल मंत्रिपरिषद में सलाह-मशविरा करके की जाने वाली कार्रवाई के बारे में अपना व्यक्तिगत निर्णय ले सकेंगे।  
*इसके अनुसार अपने दायित्वों को पूरा करने में राज्यपाल मंत्रिपरिषद में सलाह-मशविरा करके की जाने वाली कार्रवाई के बारे में अपना व्यक्तिगत निर्णय ले सकेंगे।  
*यदि [[राष्ट्रपति]] चाहे तो राज्यपाल की यह जिम्मेदारी खत्म की जा सकेगी।  
*यदि [[राष्ट्रपति]] चाहे तो राज्यपाल की यह जिम्मेदारी खत्म की जा सकेगी।  

Revision as of 11:59, 10 September 2011

भारत का संविधान (55वाँ संशोधन) अधिनियम,1986

  • भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
  • इसमें केंद्रशासित प्रदेश अरुणाचल प्रदेश को राज्य का दर्जा दिए जाने के भारत सरकार के प्रस्ताव को लागू किया गया है।
  • इसके लिए संविधान में एक नया अनुच्छेद 371 एच जोड़ा गया है।
  • अन्य बातों के अलावा, इस अनुच्छेद में अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल को प्रदेश की अत्यंत नाजुक स्थिति के कारण क़ानून और व्यवस्था के क्षेत्र में विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है।
  • इसके अनुसार अपने दायित्वों को पूरा करने में राज्यपाल मंत्रिपरिषद में सलाह-मशविरा करके की जाने वाली कार्रवाई के बारे में अपना व्यक्तिगत निर्णय ले सकेंगे।
  • यदि राष्ट्रपति चाहे तो राज्यपाल की यह जिम्मेदारी खत्म की जा सकेगी।
  • नए अनुच्छेद के अनुसार यह भी व्यवस्था की गई है कि अरुणाचल प्रदेश राज्य की विधानसभा में 30 से कम सदस्य नहीं होंगे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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