कुण्डलवन: Difference between revisions
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*कुण्डलवन पहले [[बौद्ध विहार]] कश्मीर में सम्भत: श्रीनगर के निकट ही था। बौद्ध संगीति के अध्यक्ष वसुमित्र और उपाध्यक्ष [[पाटलिपुत्र]] निवासी 'बुद्ध चरित्र' का ख्यातनाम लेखक अश्वघोष थे, इसके 500 सदस्य थे। | *कुण्डलवन पहले [[बौद्ध विहार]] कश्मीर में सम्भत: श्रीनगर के निकट ही था। बौद्ध संगीति के अध्यक्ष वसुमित्र और उपाध्यक्ष [[पाटलिपुत्र]] निवासी 'बुद्ध चरित्र' का ख्यातनाम लेखक अश्वघोष थे, इसके 500 सदस्य थे। | ||
*कुण्डलवन में '''विभाषाशास्त्र''' नामक धर्म ग्रंथ का संकलन हुआ। अब यह ग्रन्थ केवल [[चीन]] की भाषा में ही प्राप्त है। इसी के पश्चात बौद्ध धर्म हीनयान तथा महायान नामक दो सम्प्रदायों में विभाजित हो गया। | *कुण्डलवन में '''विभाषाशास्त्र''' नामक धर्म ग्रंथ का संकलन हुआ। अब यह [[ग्रन्थ]] केवल [[चीन]] की [[भाषा]] में ही प्राप्त है। इसी के पश्चात बौद्ध धर्म [[हीनयान]] तथा [[महायान]] नामक दो सम्प्रदायों में विभाजित हो गया। | ||
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Revision as of 10:04, 12 November 2011
कुण्डलवन जम्मू और कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के समीप ही प्राचीन समय में कुण्डलवन स्थंल में स्थित था।
- कुण्डलवन स्थान की प्रसिद्धि का कारण कनिष्क के समय (लगभग 120 ई.) में आयोजित चौथीं बौद्ध संगीति (बौद्ध सम्मेलन) है।
- कुण्डलवन पहले बौद्ध विहार कश्मीर में सम्भत: श्रीनगर के निकट ही था। बौद्ध संगीति के अध्यक्ष वसुमित्र और उपाध्यक्ष पाटलिपुत्र निवासी 'बुद्ध चरित्र' का ख्यातनाम लेखक अश्वघोष थे, इसके 500 सदस्य थे।
- कुण्डलवन में विभाषाशास्त्र नामक धर्म ग्रंथ का संकलन हुआ। अब यह ग्रन्थ केवल चीन की भाषा में ही प्राप्त है। इसी के पश्चात बौद्ध धर्म हीनयान तथा महायान नामक दो सम्प्रदायों में विभाजित हो गया।
- तिब्बत के लेखक तारानाथ लिखते है, कि कुण्डलवन की स्थिति कुछ लोग कश्मीर में तथा अन्य लोग जालंधर के निकट कुवन में मानते हैं। वर्तमान अंवेषकों के आधार पर प्रथम मत ही ग्राह्य जान पड़ता है।
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