हंसकायन
हंसकायन नामक एक प्रदेश का उल्लेख महाभारत, सभापर्व[1] में हुआ है।
- सभापर्व के उल्लेख में कहा गया है कि हंसकायन के निवासी पाण्डव युधिष्ठिर के 'राजसूय यज्ञ' में भेंट की सामग्री लेकर उपस्थित हुए थे-
'काश्मीरश्च कुमाराश्च घोरका हंसकायनाः, शिवित्रिगर्तयोधेया राजन्या मद्र-केकयाः।'
- कुछ विद्धानों ने हंसकायन का अभिज्ञान कश्मीर के उत्तर-पश्चिम में स्थित 'हंजा प्रदेश' से किया है, जो प्रसंग से ठीक जान पड़ता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली से पेज संख्या 1006| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार