बसन्त (रमैनी): Difference between revisions

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[[कबीर]] ने बसन्त राग में तेरह पदों की रचना की है। [[अपभ्रंश]] के [[जैन]] कवियों ने 'फागु' शीर्षक से अनेक रचनाओं को सृजित किया है। [[होली]], बसन्त आदि फागु के ही अन्य नाम हैं। बसन्त की मादक ऋतु में प्रचलित इस लोकगीत को कबीर ने उपदेश के लिए चुना, इसीलिए उन्होंने कुछ रचनाओं में इसका व्यवहार किया है।<ref>{{cite book | last =शर्मा | first =रामकिशोर| title =कबीर ग्रन्थावली| edition = | publisher = | location =भारत डिस्कवरी पुस्तकालय| language =हिंदी| pages =100| chapter =}}</ref>
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Revision as of 06:27, 1 December 2011

कबीर ने बसन्त राग में तेरह पदों की रचना की है। अपभ्रंश के जैन कवियों ने 'फागु' शीर्षक से अनेक रचनाओं को सृजित किया है। होली, बसन्त आदि फागु के ही अन्य नाम हैं। बसन्त की मादक ऋतु में प्रचलित इस लोकगीत को कबीर ने उपदेश के लिए चुना, इसीलिए उन्होंने कुछ रचनाओं में इसका व्यवहार किया है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. शर्मा, रामकिशोर कबीर ग्रन्थावली (हिंदी), 100।

बाहरी कड़ियाँ

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