ख़ूनी दरवाज़ा: Difference between revisions
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*ख़ूनी दरवाज़ा बहादुर जफ़र मार्ग का प्रवेश द्वार है। | *ख़ूनी दरवाज़ा बहादुर जफ़र मार्ग का प्रवेश द्वार है। | ||
*गद्दी के लिए हुए संघर्ष में जब [[औरंगज़ेब]] ने अपने भाई [[दारा शिकोह]] के सिर को धड़ से अलग कर दिया था, तो उसी सिर को यहाँ पर रखा गया था। इसीलिए इस स्थान का नाम ख़ूनी दरवाज़ा रखा गया। | *गद्दी के लिए हुए संघर्ष में जब [[औरंगज़ेब]] ने अपने भाई [[दारा शिकोह]] के सिर को धड़ से अलग कर दिया था, तो उसी सिर को यहाँ पर रखा गया था। इसीलिए इस स्थान का नाम ख़ूनी दरवाज़ा रखा गया। | ||
*यह भी कहा जाता है कि अन्तिम [[मुग़ल]] सम्राट बादशाह [[बहादुर शाह जफ़र]] के दो पुत्रों एवं एक पोते की 1857 में यहाँ अंग्रेज़ों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और उनके शव भी यहाँ जनता के दर्शनार्थ रखे गए थे। | *यह भी कहा जाता है कि अन्तिम [[मुग़ल]] सम्राट बादशाह [[बहादुर शाह जफ़र]] के दो पुत्रों एवं एक पोते की 1857 में यहाँ [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और उनके शव भी यहाँ जनता के दर्शनार्थ रखे गए थे। | ||
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Revision as of 08:16, 19 December 2011
[[चित्र:Khuni-Darwaza.jpg|thumb|ख़ूनी दरवाज़ा, दिल्ली]] ख़ूनी दरवाज़ा दिल्ली में स्थित एक आकर्षक पर्यटन स्थल है।
- ख़ूनी दरवाज़ा बहादुर जफ़र मार्ग का प्रवेश द्वार है।
- गद्दी के लिए हुए संघर्ष में जब औरंगज़ेब ने अपने भाई दारा शिकोह के सिर को धड़ से अलग कर दिया था, तो उसी सिर को यहाँ पर रखा गया था। इसीलिए इस स्थान का नाम ख़ूनी दरवाज़ा रखा गया।
- यह भी कहा जाता है कि अन्तिम मुग़ल सम्राट बादशाह बहादुर शाह जफ़र के दो पुत्रों एवं एक पोते की 1857 में यहाँ अंग्रेज़ों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और उनके शव भी यहाँ जनता के दर्शनार्थ रखे गए थे।
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