User:प्रीति चौधरी/अभ्यास पन्ना2: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 20: | Line 20: | ||
-दसमार | -दसमार | ||
{[[छत्तीसगढ़]] | {'मामा-भांजा मन्दिर' [[छत्तीसगढ़]] में कहाँ स्थित है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[ | -रतनपुर में | ||
- | +[[बरसुर]] में | ||
-[[ | -रामगढ़ में | ||
-[[चांपा]] में | |||
|| | ||[[चित्र:Ganesh-Temple-Barsur.jpg|right|100px|गणेश मन्दिर, बरसुर]][[बरसुर]] [[छत्तीसगढ़]] राज्य के [[दन्तेवाड़ा ज़िला|दन्तेवाड़ा ज़िले]] में स्थित है। मन्दिरों और तालाबों के लिए प्रसिद्ध बरसुर गीदम की उत्तरी दिशा में 24 किलोमीटर की दूरी पर [[इन्द्रावती नदी]] के किनारे पर स्थित है। बरसुर में 'मामा-भांजा', 'चन्द्रादित्य', 'बत्तीसा' और 'भगवान [[गणेश]]' के भी मन्दिर आकर्षण का केंद्र हैं। यह माना जाता है कि प्राचीन समय में बरसुर में लगभग 147 मन्दिर और लगभग इतने ही तालाब थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बरसुर]] | ||
{'कुरहा' किस जनजाति का प्रमुख व्यक्ति है? | {'कुरहा' किस जनजाति का प्रमुख व्यक्ति है? | ||
Line 49: | Line 49: | ||
-[[कवर्धा ज़िला|कवर्धा]] | -[[कवर्धा ज़िला|कवर्धा]] | ||
-[[सरगुजा ज़िला|सरगुजा]] | -[[सरगुजा ज़िला|सरगुजा]] | ||
||[[छत्तीसगढ़]] राज्य के दक्षिणी दुर्गम क्षेत्र, जिसमें [[बस्तर ज़िला]] सम्मिलित है, आते हैं। यहाँ गोंडों की संख्या अधिक है। इसके अतिरिक्त इनकी बिखरी हुई बस्तियाँ [[गोदावरी नदी]] एवं बैनगंगा नदियों तथा पूर्वी घाट के बीच के पर्वतीय क्षेत्रों में पाई जाती हैं। [[बालाघाट ज़िला|बालाघाट]], [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]], [[दुर्ग ज़िला|दुर्ग]], [[रायगढ़ ज़िला|रायगढ़]], [[रायसेन ज़िला|रायसेन]] और [[खरगोन]] ज़िलों में भी यह जाति उपस्थित हैं। [[उड़ीसा]] के दक्षिण-पश्चिमी भाग तथा [[आन्ध्र प्रदेश]] के पठारी भागों में भी यह जनजाति रहती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गोंड]] | ||[[चित्र:Bastar-District-Map.jpg|right|140px|बस्तर ज़िले का मानचित्र]][[छत्तीसगढ़]] राज्य के दक्षिणी दुर्गम क्षेत्र, जिसमें [[बस्तर ज़िला]] सम्मिलित है, आते हैं। यहाँ गोंडों की संख्या अधिक है। इसके अतिरिक्त इनकी बिखरी हुई बस्तियाँ [[गोदावरी नदी]] एवं बैनगंगा नदियों तथा पूर्वी घाट के बीच के पर्वतीय क्षेत्रों में पाई जाती हैं। [[बालाघाट ज़िला|बालाघाट]], [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]], [[दुर्ग ज़िला|दुर्ग]], [[रायगढ़ ज़िला|रायगढ़]], [[रायसेन ज़िला|रायसेन]] और [[खरगोन]] ज़िलों में भी यह जाति उपस्थित हैं। [[उड़ीसा]] के दक्षिण-पश्चिमी भाग तथा [[आन्ध्र प्रदेश]] के पठारी भागों में भी यह जनजाति रहती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गोंड]] | ||
{[[छत्तीसगढ़]] में सर्वप्रथम किसके नाम पर शासकीय पुरस्कार की घोषणा की गई थी? | {[[छत्तीसगढ़]] में सर्वप्रथम किसके नाम पर शासकीय पुरस्कार की घोषणा की गई थी? | ||
Line 64: | Line 64: | ||
-[[कोरबा ज़िला|कोरबा]] | -[[कोरबा ज़िला|कोरबा]] | ||
-[[दन्तेवाड़ा ज़िला|दन्तेवाड़ा]] | -[[दन्तेवाड़ा ज़िला|दन्तेवाड़ा]] | ||
{[[छत्तीसगढ़]] की कौन-सी जनजाति 'मेघनाथ पर्व' मनाती है? | |||
|type="()"} | |||
+[[गोंड]] | |||
-बैगा | |||
-[[रिजले]] | |||
-कमार | |||
||गोंड जनजाति की लगभग 60 प्रतिशत आबादी [[मध्य प्रदेश]] में निवास करती है। शेष आबादी का अधिकांश भाग संकलन, [[आन्ध्र प्रदेश]] एवं [[उड़ीसा]] में बसा हुआ है। [[गोंड]] जनजाति के वर्तमान निवास स्थान मध्य प्रदेश एवं [[छत्तीसगढ़]] राज्यों के पठारी भाग, जिसमें [[छिंदवाड़ा ज़िला|छिंदवाड़ा]], बेतूल, सिवानी और माडंला के ज़िले सम्मिलित हैं। छत्तीसगढ़ राज्य के दक्षिणी दुर्गम क्षेत्र, जिसमें [[बस्तर ज़िला]] सम्मिलित है, आते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गोंड]] | |||
{विश्व का सबसे विशाल [[शिवलिंग]] [[छत्तीसगढ़]] की किस तहसील में है? | {विश्व का सबसे विशाल [[शिवलिंग]] [[छत्तीसगढ़]] की किस तहसील में है? | ||
Line 74: | Line 82: | ||
{[[भोरमदेव मंदिर]] का निर्माण किस काल में हुआ था? | {[[भोरमदेव मंदिर]] का निर्माण किस काल में हुआ था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-नलवंश काल में | -नलवंश काल में | ||
+फणिनागवंश काल में | +फणिनागवंश काल में | ||
- | -[[कलचुरी वंश]] काल में | ||
- | -[[नंद वंश]] काल में | ||
{किस [[वेद]] में [[छत्तीसगढ़]] का वर्णन नहीं है? | |||
{किस वेद में [[छत्तीसगढ़]] का वर्णन नहीं है? | |||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[सामवेद]] | -[[सामवेद]] | ||
Line 92: | Line 93: | ||
-[[यजुर्वेद]] | -[[यजुर्वेद]] | ||
-[[अथर्ववेद]] | -[[अथर्ववेद]] | ||
||[[चित्र:Rigveda.jpg| | ||[[चित्र:Rigveda.jpg||100px|right|[[ॠग्वेद]] का आवरण पृष्ठ ]]'ऋग्वेद' सबसे प्राचीनतम [[वेद]] है। 'ऋक' का अर्थ होता है 'छन्दोबद्ध रचना' या [[श्लोक]]। [[ऋग्वेद]] के सूक्त विविध [[देवता|देवताओं]] की स्तुति करने वाले भाव भरे गीत हैं। इनमें भक्तिभाव की प्रधानता है। यद्यपि ऋग्वेद में अन्य प्रकार के सूक्त भी हैं, परन्तु देवताओं की स्तुति करने वाले स्रोतों की प्रधानता है। ऋग्वेद में कुल दस मण्डल हैं और उनमें 1,029 सूक्त हैं और कुल 10,580 ऋचाएँ हैं। ऋग्वेद के दस मण्डलों में कुछ मण्डल छोटे हैं और कुछ मण्डल बड़े हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ऋग्वेद]] | ||
{संत घासीदास की जन्म स्थली है? | {[[छत्तीसगढ़]] में संत घासीदास की जन्म-स्थली कौन-सी है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -[[अम्बिकापुर]] | ||
-दामाखेड़ा | -दामाखेड़ा | ||
+गिरौदपुरी | +गिरौदपुरी | ||
-पलारी | -पलारी | ||
{[[सरगुजा ज़िला|सरगुजा]], [[कोरिया ज़िला|कोरिया]] व [[जशपुर ज़िला|जशपुर]] ज़िले | {[[सरगुजा ज़िला|सरगुजा]], [[कोरिया ज़िला|कोरिया]] व [[जशपुर ज़िला|जशपुर]] ज़िले आज़ादी से पूर्व किस प्रांत में थे? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[बंगाल]] | +[[बंगाल]] | ||
Line 114: | Line 108: | ||
-[[उड़ीसा]] | -[[उड़ीसा]] | ||
-[[बिहार]] | -[[बिहार]] | ||
||[[चित्र: | ||[[चित्र:Hill-Myna.jpg|100px|right|पहाड़ी मैना, छत्तीसगढ़ का राजकीय पक्षी]]सन 1854 में [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] के आक्रमण के बाद [[छत्तीसगढ़]] का महत्त्व बढ़ गया। [[1904]] में [[संबलपुर ज़िला|संबलपुर]] [[उड़ीसा]] में चला गया और [[सरगुजा ज़िला|सरगुजा]] रियासत [[बंगाल]] से छत्तीसगढ़ के पास आ गई। छत्तीसगढ़ पूर्व में दक्षिणी [[झारखण्ड]] और उड़ीसा से, पश्चिम में [[मध्य प्रदेश]] और [[महाराष्ट्र]] से, उत्तर में [[उत्तर प्रदेश]] और पश्चिमी झारखण्ड और दक्षिण में [[आंध्र प्रदेश]] से घिरा है। छत्तीसगढ़ का भू-भाग सम्पूर्ण [[भारत]] के भू-भाग का कुल 4.14% है। इस प्रकर छत्तीसगढ़ राज्य क्षेत्रफल के हिसाब से देश का 9वाँ बड़ा राज्य है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
|} | |} | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
Revision as of 12:43, 14 February 2012
छत्तीसगढ़ का सामान्य ज्ञान
|