चतुर्थी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "रूण" to "रुण")
Line 25: Line 25:
{{तिथि}}
{{तिथि}}
[[Category:कैलंडर]]
[[Category:कैलंडर]]
[[Category:हिन्दू धर्म]] [[Category:हिन्दू धर्म कोश]]  
[[Category:हिन्दू धर्म]] [[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]  
[[Category:संस्कृति कोश]]
[[Category:संस्कृति कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 12:15, 21 March 2014

  • सूर्य और चन्द्र का अन्तर 37° से 48° तक होता है, उस समय शुक्ल पक्ष की चतुर्थी और 117° से 228° तक अन्तर होने पर कृष्ण पक्ष की चतुर्थी होती है।
  • चतुर्थी को पालि भाषा में ‘चतुत्थी’, अर्धमागधी प्राकृत में ‘चउत्थी’ तथा अपभ्रंश होकर ‘चौथी’ कहलाती है। हिन्दी में इसका स्वरूप घिस कर केवल ‘चौथ’ या ‘चौइथ’ रह जाता है।
  • चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेश हैं। यह तिथि 'रिक्ता संज्ञक' कहलाती है और इस तिथि का विशेष नाम ‘खला’ है। अतः इसमें शुभ कार्य वर्जित रहते हैं।
  • यह तिथि पौष मास में शून्य होती है।
  • यदि चतुर्थी गुरुवार को हो तो मृत्युदा होती है और शनिवार की चतुर्थी सिद्धिदा अर्थात सफलतादायक होती है और चतुर्थी के 'रिक्ता' होने का दोष उस विशेष स्थिति में लगभग समाप्त हो जाता है।
  • चतुर्थी तिथि की दिशा नैऋत्य है।
  • शुक्ल पक्ष में शिव पूजन अशुभ, किन्तु कृष्ण पक्ष में शिव पूजन शुभ है।
  • चतुर्थी चन्द्रमा यह चौथी कला है, जिसका अमृत कृष्ण पक्ष में जल के देवता वरुण पीते हैं तथा शुक्ल पक्ष में वापस कर देते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध


टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख