जीरादेई: Difference between revisions

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'''जीरादेई''' या 'जीरादेयु' [[छपरा|छपरा ज़िला]], [[बिहार]] का एक ग्राम है। यह ग्राम जीरादेई के नाम पर प्रसिद्ध है। स्थानीय किंवदंती के अनुसार जीरादेई [[ईरान]] विजेता राजा रतिबलराय कि पुत्री थीं। यह ग्राम इसलिए भी प्रसिद्ध है कि स्वतंत्र [[भारत]] के प्रथम [[राष्ट्रपति]] देशरत्न [[डॉ. राजेंद्र प्रसाद]] का यह पैतृक गाँव और जन्म स्थान है।
'''जीरादेई''' या 'जीरादेयु' [[छपरा|छपरा ज़िला]], [[बिहार]] का एक [[ग्राम]] है। यह ग्राम जीरादेई के नाम पर प्रसिद्ध है। स्थानीय किंवदंती के अनुसार जीरादेई [[ईरान]] विजेता राजा रतिबलराय कि पुत्री थीं। यह ग्राम इसलिए भी प्रसिद्ध है कि स्वतंत्र [[भारत]] के प्रथम [[राष्ट्रपति]] देशरत्न [[डॉ. राजेंद्र प्रसाद]] का यह पैतृक गाँव और जन्म स्थान है।


*जीरादेई का [[विवाह]] [[मकरान]] नरेश राजा सहसराय के पुत्र सुबलराय से हुआ था।<ref>हिस्ट्री ऑव परशिया-स्मिथ</ref>
*जीरादेई का [[विवाह]] [[मकरान]] नरेश राजा सहसराय के पुत्र सुबलराय से हुआ था।<ref>हिस्ट्री ऑव परशिया-स्मिथ</ref>

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जीरादेई या 'जीरादेयु' छपरा ज़िला, बिहार का एक ग्राम है। यह ग्राम जीरादेई के नाम पर प्रसिद्ध है। स्थानीय किंवदंती के अनुसार जीरादेई ईरान विजेता राजा रतिबलराय कि पुत्री थीं। यह ग्राम इसलिए भी प्रसिद्ध है कि स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद का यह पैतृक गाँव और जन्म स्थान है।

  • जीरादेई का विवाह मकरान नरेश राजा सहसराय के पुत्र सुबलराय से हुआ था।[1]
  • सुबलराय की मृत्यु हो जाने के बाद जीरादेई सती हो गईं।
  • जीरादेई ग्राम के पास सुबलराय ने 'सुरबल' या 'सुरौल' नामक एक गढ़ बनवाया था, जो अब भी विद्यमान है।
  • सुबलराय आठवीं शती ई. में शासनरत थे।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिस्ट्री ऑव परशिया-स्मिथ
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 367 |

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