मार्मुगाओ बंदरगाह: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''मार्मुगाओ बंदरगाह''' (अंग्रेज़ी: ''Marmugao Port'') गोआ के ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
Line 1: Line 1:
'''मार्मुगाओ बंदरगाह''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Marmugao Port'') [[गोआ]] के [[तट]] पर स्थित [[भारत]] के पश्चिमी तट पर प्रमुख बंदरगाह है। इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारत का भूगोल|लेखक=डॉ. चतुर्भुज मामोरिया |अनुवादक=| आलोचक=| प्रकाशक=साहित्य भवन पब्लिकेशन्स, आगरा|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=368|url=|ISBN=}}</ref>
'''मार्मुगाओ बंदरगाह''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Marmugao Port'') [[गोआ]] के [[तट]] पर स्थित [[भारत]] के पश्चिमी तट पर प्रमुख बंदरगाह है। इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारत का भूगोल|लेखक=डॉ. चतुर्भुज मामोरिया |अनुवादक=| आलोचक=| प्रकाशक=साहित्य भवन पब्लिकेशन्स, आगरा|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=368|url=|ISBN=}}</ref>
==पृष्ठदेश ==
==पृष्ठदेश ==
मार्मुगाओ बंदरगाह का पृष्ठदेश [[गोआ]], [[कर्नाटक]], [[महाराष्ट्र]], दक्षिणी मध्य प्रदेश एवं पश्चिमी आंध्र प्रदेश राज्यों तक विस्तृत है। इसके पृष्ठदेश [[लौह अयस्क|लौह]] और मैंगनीज, अयस्क, तथा [[खनिज]] [[नमक]], [[केला|केले]], काजू, [[कॉफी]], [[चावल]], [[कपास]], [[शक्कर]], [[नारियल]], [[तिलहन]], दलहन आदि का विशेष [[उत्पादन]] होता है। यह रेल मार्ग द्वारा [[चेन्नई]], [[बंगलुरू]], [[पुणे]] तथा [[मुम्बई]] से सम्बद्ध है। यहां [[नौसेना]] का भी केंद्र है।
मार्मुगाओ बंदरगाह का पृष्ठदेश [[गोआ]], [[कर्नाटक]], [[महाराष्ट्र]], दक्षिणी मध्य प्रदेश एवं पश्चिमी आंध्र प्रदेश राज्यों तक विस्तृत है। इसके पृष्ठदेश में [[लौह अयस्क|लौह]] और मैंगनीज अयस्क, तथा खनिज नमक, [[केला|केले]], काजू, [[कॉफी]], [[चावल]], [[कपास]], [[शक्कर]], [[नारियल]], [[तिलहन]], दलहन आदि का विशेष [[उत्पादन]] होता है। यह रेल मार्ग द्वारा [[चेन्नई]], [[बंगलुरू]], [[पुणे]] तथा [[मुम्बई]] से सम्बद्ध है। यहां [[नौसेना]] का भी केंद्र है।
==आयात एंव निर्यात==
==आयात एंव निर्यात==
मार्मुगाओ  बंदरगाह के प्रमुख निर्यात जटा का सामान, गिरि का तेल, खोपरा व  नारियल, काजू, लौह-अयस्क, [[मैंगनीज]] और [[कहवा]] हैं। आयात के अंतर्गत [[खनिज तेल]], [[उर्वरक]], रासायनिक पदार्थ, खाद्यान्न, मशीनें, दवाइयां और लौहे तथा इस्पात की वस्तुएं मुख्य हैं। इस बंदरगाह  से निर्यात आयात की तुलना में अधिक होता है।
मार्मुगाओ  बंदरगाह के प्रमुख निर्यात जटा का सामान, गिरि का तेल, खोपरा व  नारियल, काजू, लौह अयस्क, [[मैंगनीज]] और [[कहवा]] हैं। आयात के अंतर्गत [[खनिज तेल]], [[उर्वरक]], रासायनिक पदार्थ, खाद्यान्न, मशीनें, दवाइयां और लौहे तथा इस्पात की वस्तुएं मुख्य हैं। इस बंदरगाह  से निर्यात आयात की तुलना में अधिक होता है।
 
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
Line 9: Line 11:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{भारत के बंदरगाह}}
{{भारत के बंदरगाह}}
[[Category:बंदरगाह]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:भूगोल कोश]][[Category:वाणिज्य व्यापार कोश]]
[[Category:बंदरगाह]][[Category:भूगोल कोश]][[Category:वाणिज्य व्यापार कोश]][[Category:भारत का भूगोल]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 11:26, 16 November 2016

मार्मुगाओ बंदरगाह (अंग्रेज़ी: Marmugao Port) गोआ के तट पर स्थित भारत के पश्चिमी तट पर प्रमुख बंदरगाह है। इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है।[1]

पृष्ठदेश

मार्मुगाओ बंदरगाह का पृष्ठदेश गोआ, कर्नाटक, महाराष्ट्र, दक्षिणी मध्य प्रदेश एवं पश्चिमी आंध्र प्रदेश राज्यों तक विस्तृत है। इसके पृष्ठदेश में लौह और मैंगनीज अयस्क, तथा खनिज नमक, केले, काजू, कॉफी, चावल, कपास, शक्कर, नारियल, तिलहन, दलहन आदि का विशेष उत्पादन होता है। यह रेल मार्ग द्वारा चेन्नई, बंगलुरू, पुणे तथा मुम्बई से सम्बद्ध है। यहां नौसेना का भी केंद्र है।

आयात एंव निर्यात

मार्मुगाओ बंदरगाह के प्रमुख निर्यात जटा का सामान, गिरि का तेल, खोपरा व नारियल, काजू, लौह अयस्क, मैंगनीज और कहवा हैं। आयात के अंतर्गत खनिज तेल, उर्वरक, रासायनिक पदार्थ, खाद्यान्न, मशीनें, दवाइयां और लौहे तथा इस्पात की वस्तुएं मुख्य हैं। इस बंदरगाह से निर्यात आयात की तुलना में अधिक होता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारत का भूगोल |लेखक: डॉ. चतुर्भुज मामोरिया |प्रकाशक: साहित्य भवन पब्लिकेशन्स, आगरा |पृष्ठ संख्या: 368 |

संबंधित लेख