सोंडा: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''सोंडा''' हिन्दू धार्मिक स्थल है, जो कर्नाटक के उत...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
Line 2: Line 2:


*सोंडा समुद्र सतह से 2000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और यह 16वीं से 18वीं सदी में स्‍वाडी राजाओं के समय बहुत महत्‍वपूर्ण शहर था।
*सोंडा समुद्र सतह से 2000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और यह 16वीं से 18वीं सदी में स्‍वाडी राजाओं के समय बहुत महत्‍वपूर्ण शहर था।
*श्री वादिराज ने श्री माधवाचार्य के द्वैत दर्शन के प्रचार के लिये यहां एक मठ की स्‍थापना की थी।<ref>{{cite web |url=https://hindi.nativeplanet.com/sonda/#overview |title=सोंडा |accessmonthday=06 जुलाई|accessyear=2018 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=nativeplanet |language=हिंदी }}</ref>
*श्री वादिराज ने [[माधवाचार्य|श्री माधवाचार्य]] के द्वैत दर्शन के प्रचार के लिये यहां एक मठ की स्‍थापना की थी।<ref>{{cite web |url=https://hindi.nativeplanet.com/sonda/#overview |title=सोंडा |accessmonthday=06 जुलाई|accessyear=2018 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=nativeplanet |language=हिंदी }}</ref>
*भगवान श्री त्रिविक्रम का मंदिर यहाँ स्थित है। कहा जाता है कि श्री वादिराज स्वामी को यहां भगवान हयग्रीव के दर्शन हुए थे, अतः मठ में भगवान हयग्रीव का मंदिर है। भगवान श्री त्रिविक्रम की मूर्ति बद्रीनारायण जी से लाई गई थी।  
*भगवान श्री त्रिविक्रम का मंदिर यहाँ स्थित है। कहा जाता है कि श्री वादिराज स्वामी को यहां भगवान हयग्रीव के दर्शन हुए थे, अतः मठ में भगवान हयग्रीव का मंदिर है। भगवान श्री त्रिविक्रम की मूर्ति बद्रीनारायण जी से लाई गई थी।  
*दक्षिण रेलवे की बेंगलुरु-पुणे लाइन पर हरिहर से 35 मील दूर हवेरी स्टेशन है। सोंडा जाने के लिए यहां उतरना पड़ता है। यहां से सिरसी होते हुए सोंडा मोटर बस द्वारा जाना पड़ता है। सिरसी हवेरी से 35 मील है और सिरसी से सोंडा 12 मील पड़ता है।
*दक्षिण रेलवे की बेंगलुरु-पुणे लाइन पर हरिहर से 35 मील दूर हवेरी स्टेशन है। सोंडा जाने के लिए यहां उतरना पड़ता है। यहां से सिरसी होते हुए सोंडा मोटर बस द्वारा जाना पड़ता है। सिरसी हवेरी से 35 मील है और सिरसी से सोंडा 12 मील पड़ता है।

Latest revision as of 09:11, 6 July 2018

सोंडा हिन्दू धार्मिक स्थल है, जो कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ ज़िले में स्थित है। यह मंदिरों का शहर है और वादिराज मठ का स्थान है।

  • सोंडा समुद्र सतह से 2000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और यह 16वीं से 18वीं सदी में स्‍वाडी राजाओं के समय बहुत महत्‍वपूर्ण शहर था।
  • श्री वादिराज ने श्री माधवाचार्य के द्वैत दर्शन के प्रचार के लिये यहां एक मठ की स्‍थापना की थी।[1]
  • भगवान श्री त्रिविक्रम का मंदिर यहाँ स्थित है। कहा जाता है कि श्री वादिराज स्वामी को यहां भगवान हयग्रीव के दर्शन हुए थे, अतः मठ में भगवान हयग्रीव का मंदिर है। भगवान श्री त्रिविक्रम की मूर्ति बद्रीनारायण जी से लाई गई थी।
  • दक्षिण रेलवे की बेंगलुरु-पुणे लाइन पर हरिहर से 35 मील दूर हवेरी स्टेशन है। सोंडा जाने के लिए यहां उतरना पड़ता है। यहां से सिरसी होते हुए सोंडा मोटर बस द्वारा जाना पड़ता है। सिरसी हवेरी से 35 मील है और सिरसी से सोंडा 12 मील पड़ता है।
  • यात्रियों के भोजन और ठहरने की व्यवस्था मंदिर द्वारा की जाती है और भोजन बिना मूल्य के वितरित होता है। होली के पर्व पर यहां रथयात्रा का उत्सव होता है। उस समय यहां हजारों यात्री आते हैं। लोग अपने विवाह, यज्ञोपवीत संस्कार आदि भी यहां संपन्न कराते हैं।[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सोंडा (हिंदी) nativeplanet। अभिगमन तिथि: 06 जुलाई, 2018।
  2. कल्याण विशेषांक तीर्थ अंक, पृष्ठ संख्या 309 -310

संबंधित लेख