रानी बेलुनचियार देवार: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replacement - " महान " to " महान् ")
No edit summary
 
Line 9: Line 9:
*अंतत: टीपू सुल्तान की सहायता से उसने अंग्रेज़ों को हराकर शिवगंगा पर पुन: अधिकार करके ही दम लिया।  
*अंतत: टीपू सुल्तान की सहायता से उसने अंग्रेज़ों को हराकर शिवगंगा पर पुन: अधिकार करके ही दम लिया।  
*विजय के बाद इस महान् वीरांगना ने1799 ई. अपने पति की समाधि के पास बैठकर प्राण त्याग दिए।
*विजय के बाद इस महान् वीरांगना ने1799 ई. अपने पति की समाधि के पास बैठकर प्राण त्याग दिए।
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{भारतीय वीरांगनाएँ}}
{{भारतीय वीरांगनाएँ}}
[[Category:भारतीय वीरांगनाएँ]]
[[Category:वीरांगनाएँ]][[Category:भारतीय वीरांगनाएँ]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:चरित कोश]]
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:चरित कोश]]
 
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 06:48, 10 May 2020

रानी बेलुनचियार देवार का जन्म 1750 में हुआ था।

  • 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में अंग्रज़ों ने दक्षिण के राजपूतों को कुचलने के हर सम्भव प्रयास किए।
  • शिवगंगा (देवार) के राजा मुथु बटुकनाथ ने अंग्रेज़ों की साम्राज्यवादी नीति का जमकर विरोध किया।
  • बेलुनचियार राजा मुथु बटुकनाथ की पत्नी थी।
  • वह इतनी वीर थी कि अंग्रेज़ समर्थक कुख्यात दस्यु कट्टु को तलवार के एक ही वार में मार दिया था।
  • अंग्रेज़ों ने एक विशाल सेना के साथ देवार पर आक्रमण किया तो राजा बटुकनाथ एवं रानी बेलुनचियार ने अंग्रेज़ों से डटकर मुकाबला किया।
  • पति के वीरगति प्राप्त होने के बाद भी रानी शत्रु से लड़ती रही अंग्रेज़ों को विजय तो मिली, परंतु वे रानी को नहीं पकड़ सके।
  • बेलुनचियार ने हिम्मत नहीं हारी एवं मैसूर के शासक टीपू सुल्तान से जाकर सहायता माँगी।
  • अंतत: टीपू सुल्तान की सहायता से उसने अंग्रेज़ों को हराकर शिवगंगा पर पुन: अधिकार करके ही दम लिया।
  • विजय के बाद इस महान् वीरांगना ने1799 ई. अपने पति की समाधि के पास बैठकर प्राण त्याग दिए।
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख