पैलेस ऑन व्हील्स: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
[[चित्र:Palace-on-Wheels.jpg|thumb|250px|पैलेस ऑन व्हील्स]]
'''पैलेस ऑन व्हील्स''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Heritage Palace on Wheels'') एक तरह से चलता-फिरता [[राजस्थान]] है। यह ट्रेन राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। यह रेल शुरू से ही बहुत लोकप्रिय है। इसका नाम दुनिया की शीर्ष दस लक्जरी गाड़ियों में आता है। पैलेस आन व्हील्स के शाही डिब्बों को पुराने शासकों, जैसे- [[राजपूताना]], [[गुजरात]] के राजसी राज्यों के रजवाड़े, [[हैदराबाद]] के निजाम और ब्रिटिश भारत के [[वाइसराय]] की व्यक्तिगत पसंद के हिसाब से डिजाईन किया गया था। अब इस रेल को एक नया नाम '[[हेरिटेज पैलेस ऑन व्हील्स]]' दिया गया है।
'''पैलेस ऑन व्हील्स''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Heritage Palace on Wheels'') एक तरह से चलता-फिरता [[राजस्थान]] है। यह ट्रेन राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। यह रेल शुरू से ही बहुत लोकप्रिय है। इसका नाम दुनिया की शीर्ष दस लक्जरी गाड़ियों में आता है। पैलेस आन व्हील्स के शाही डिब्बों को पुराने शासकों, जैसे- [[राजपूताना]], [[गुजरात]] के राजसी राज्यों के रजवाड़े, [[हैदराबाद]] के निजाम और ब्रिटिश भारत के [[वाइसराय]] की व्यक्तिगत पसंद के हिसाब से डिजाईन किया गया था। अब इस रेल को एक नया नाम '[[हेरिटेज पैलेस ऑन व्हील्स]]' दिया गया है।
==शुरुआत==
==शुरुआत==
Line 5: Line 6:
भारतीय रेलवे और राजस्थान पर्यटन विभाग की इस पहल का उद्देश्य राजस्थान में पर्यटन और पर्यटकों को बढ़ाना और पर्यटकों को यादगार सफर का अनुभव देना था। यह राजसी ट्रेन राजस्थान के साथ-साथ [[दिल्ली]] की भी सैर करवाती है। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पास होने और फॉरेन ट्यूरिस्ट्स की सुविधा का ख्याल रखते हुए ट्रेन की शुरूआत भी दिल्ली से ही रखी गई। 7 रात और 8 दिनों के इस सफर में यह ट्रेन राजस्थान के [[जयपुर]], सवाई माधोपुर, [[चित्तौड़गढ़]], [[उदयपुर]], [[जैसलमेर]], [[जोधपुर]], [[भरतपुर]] समेत [[आगरा]] की भी सैर करवाती है।
भारतीय रेलवे और राजस्थान पर्यटन विभाग की इस पहल का उद्देश्य राजस्थान में पर्यटन और पर्यटकों को बढ़ाना और पर्यटकों को यादगार सफर का अनुभव देना था। यह राजसी ट्रेन राजस्थान के साथ-साथ [[दिल्ली]] की भी सैर करवाती है। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पास होने और फॉरेन ट्यूरिस्ट्स की सुविधा का ख्याल रखते हुए ट्रेन की शुरूआत भी दिल्ली से ही रखी गई। 7 रात और 8 दिनों के इस सफर में यह ट्रेन राजस्थान के [[जयपुर]], सवाई माधोपुर, [[चित्तौड़गढ़]], [[उदयपुर]], [[जैसलमेर]], [[जोधपुर]], [[भरतपुर]] समेत [[आगरा]] की भी सैर करवाती है।
==आंतरिक साजसज्जा==
==आंतरिक साजसज्जा==
राजसी सुविधाओं से भरपूर इस रेल में 14 डिब्बे हैं और इनका नाम [[राजस्थान]] के शहरों के नाम पर ही रखा गया है। ट्रेन का इंटीरियर भव्य राजस्थानी परिवेश का है जिसे ब्रिटिश भारत के वाइसरॉय तथा [[राजपूताना]] व [[गुजरात]] के शासकों के निजी कोच में इस्तेमाल किया जाता था। दिल्ली की इंटीरियर डिजाइनर मोनिका खन्ना ने ट्रेन का इंटीरियर डिजाइन किया है, जिसमें रॉयल फर्नीचर, हेन्डीक्रॉफ्ट के आइटम और रॉयल पेंटिंग्स को लगाया गया है।
राजसी सुविधाओं से भरपूर इस रेल में 14 डिब्बे हैं और इनका नाम [[राजस्थान]] के शहरों के नाम पर ही रखा गया है। ट्रेन का इंटीरियर भव्य राजस्थानी परिवेश का है जिसे ब्रिटिश भारत के वाइसरॉय तथा [[राजपूताना]] व [[गुजरात]] के शासकों के निजी कोच में इस्तेमाल किया जाता था।[[चित्र:Palace-on-Wheels-1.jpg|thumb|left|250px|पैलेस ऑन व्हील्स में आंतरिक साजसज्जा]] दिल्ली की इंटीरियर डिजाइनर मोनिका खन्ना ने ट्रेन का इंटीरियर डिजाइन किया है, जिसमें रॉयल फर्नीचर, हेन्डीक्रॉफ्ट के आइटम और रॉयल पेंटिंग्स को लगाया गया है।
==सुविधाएँ==
==सुविधाएँ==
ट्रेन में दो रेस्टोरेंट महारानी और महाराजा हैं जिन्हें "किचन कार" भी कहा जाता है जहां राजस्थानी के साथ-साथ चायनीज, कोन्टीनेंटल खाना भी सर्व किया जाता है। एक बार और चार सर्विस कारें हैं। ट्रेन के कमरों को तीन बेड केबिन, डबल बेड केबीन, सिंगल बेड केबिन में बांटा गया है और इनके चार्जेज करीब 10920, 8050 तथा 5390 अमरीकी डॉलर है। कमरों में 24 घंटे सर्विसेज हैं। एक पर्सनल केप्टन जिसे खिदमतगार कहा जाता है, भी हमेशा तैनात रहता है। वातानूकुलित इस ट्रेन का [[तापमान]] 25 डिग्री सेल्सियस रहता है। कमरे में टीवी, इंटरकॉम, [[कॉफ़ी]] मेकर और कप, अटेच बाथरूम में गरम और ठंडा पानी के साथ-साथ फाइव स्टार होटल की सारी सुविधाएं मौजूद हैं। हर सुबह [[अख़बार]] और [[चाय]] भी यात्रियों के कमरे तक पहुंचाई जाती है। इनडोर गेम्स, बार, इनेटेरेक्टिंग रूम, मेल बॉक्स, मेडिकल सुविधा भी मौजूद हैं। [[भारतीय रेल]] और राजस्थान पर्यटन विभाग की ओर से एटीएम और सेटेलाइट फोन की सुविधाएं भी जल्द ही जोड़ी जाएंगी।
ट्रेन में दो रेस्टोरेंट महारानी और महाराजा हैं जिन्हें "किचन कार" भी कहा जाता है जहां राजस्थानी के साथ-साथ चायनीज, कोन्टीनेंटल खाना भी सर्व किया जाता है। एक बार और चार सर्विस कारें हैं। ट्रेन के कमरों को तीन बेड केबिन, डबल बेड केबीन, सिंगल बेड केबिन में बांटा गया है और इनके चार्जेज करीब 10920, 8050 तथा 5390 अमरीकी डॉलर है। कमरों में 24 घंटे सर्विसेज हैं। एक पर्सनल केप्टन जिसे खिदमतगार कहा जाता है, भी हमेशा तैनात रहता है। वातानूकुलित इस ट्रेन का [[तापमान]] 25 डिग्री सेल्सियस रहता है। कमरे में टीवी, इंटरकॉम, [[कॉफ़ी]] मेकर और कप, अटेच बाथरूम में गरम और ठंडा पानी के साथ-साथ फाइव स्टार होटल की सारी सुविधाएं मौजूद हैं। हर सुबह [[अख़बार]] और [[चाय]] भी यात्रियों के कमरे तक पहुंचाई जाती है। इनडोर गेम्स, बार, इनेटेरेक्टिंग रूम, मेल बॉक्स, मेडिकल सुविधा भी मौजूद हैं। [[भारतीय रेल]] और राजस्थान पर्यटन विभाग की ओर से एटीएम और सेटेलाइट फोन की सुविधाएं भी जल्द ही जोड़ी जाएंगी।

Revision as of 09:04, 24 January 2021

thumb|250px|पैलेस ऑन व्हील्स पैलेस ऑन व्हील्स (अंग्रेज़ी: Heritage Palace on Wheels) एक तरह से चलता-फिरता राजस्थान है। यह ट्रेन राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। यह रेल शुरू से ही बहुत लोकप्रिय है। इसका नाम दुनिया की शीर्ष दस लक्जरी गाड़ियों में आता है। पैलेस आन व्हील्स के शाही डिब्बों को पुराने शासकों, जैसे- राजपूताना, गुजरात के राजसी राज्यों के रजवाड़े, हैदराबाद के निजाम और ब्रिटिश भारत के वाइसराय की व्यक्तिगत पसंद के हिसाब से डिजाईन किया गया था। अब इस रेल को एक नया नाम 'हेरिटेज पैलेस ऑन व्हील्स' दिया गया है।

शुरुआत

राजसी सुविधाओं से भरपूर "पैलेस ऑन व्हील्स" की शुरुआत 26 जनवरी, 1982 से हुई। तब से यह रेल करीब 50,000 यात्रियों को आलीशान हवेलियों, शानदार किलों और रेत के टीलों की सवारी करवा चुकी है। राजशाही सुविधाओं से भरपूर यह ट्रेन सितंबर से अप्रैल के दौरान चलती है। कुल 3,000 किलोमीटर की यात्रा में ट्रेन दिल्ली से पिंक सिटी जयपुर, सवाई माधोपुर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, भरतपुर, आगरा होते हुए वापस दिल्ली आती है।

उद्देश्य

भारतीय रेलवे और राजस्थान पर्यटन विभाग की इस पहल का उद्देश्य राजस्थान में पर्यटन और पर्यटकों को बढ़ाना और पर्यटकों को यादगार सफर का अनुभव देना था। यह राजसी ट्रेन राजस्थान के साथ-साथ दिल्ली की भी सैर करवाती है। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पास होने और फॉरेन ट्यूरिस्ट्स की सुविधा का ख्याल रखते हुए ट्रेन की शुरूआत भी दिल्ली से ही रखी गई। 7 रात और 8 दिनों के इस सफर में यह ट्रेन राजस्थान के जयपुर, सवाई माधोपुर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, भरतपुर समेत आगरा की भी सैर करवाती है।

आंतरिक साजसज्जा

राजसी सुविधाओं से भरपूर इस रेल में 14 डिब्बे हैं और इनका नाम राजस्थान के शहरों के नाम पर ही रखा गया है। ट्रेन का इंटीरियर भव्य राजस्थानी परिवेश का है जिसे ब्रिटिश भारत के वाइसरॉय तथा राजपूतानागुजरात के शासकों के निजी कोच में इस्तेमाल किया जाता था।thumb|left|250px|पैलेस ऑन व्हील्स में आंतरिक साजसज्जा दिल्ली की इंटीरियर डिजाइनर मोनिका खन्ना ने ट्रेन का इंटीरियर डिजाइन किया है, जिसमें रॉयल फर्नीचर, हेन्डीक्रॉफ्ट के आइटम और रॉयल पेंटिंग्स को लगाया गया है।

सुविधाएँ

ट्रेन में दो रेस्टोरेंट महारानी और महाराजा हैं जिन्हें "किचन कार" भी कहा जाता है जहां राजस्थानी के साथ-साथ चायनीज, कोन्टीनेंटल खाना भी सर्व किया जाता है। एक बार और चार सर्विस कारें हैं। ट्रेन के कमरों को तीन बेड केबिन, डबल बेड केबीन, सिंगल बेड केबिन में बांटा गया है और इनके चार्जेज करीब 10920, 8050 तथा 5390 अमरीकी डॉलर है। कमरों में 24 घंटे सर्विसेज हैं। एक पर्सनल केप्टन जिसे खिदमतगार कहा जाता है, भी हमेशा तैनात रहता है। वातानूकुलित इस ट्रेन का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहता है। कमरे में टीवी, इंटरकॉम, कॉफ़ी मेकर और कप, अटेच बाथरूम में गरम और ठंडा पानी के साथ-साथ फाइव स्टार होटल की सारी सुविधाएं मौजूद हैं। हर सुबह अख़बार और चाय भी यात्रियों के कमरे तक पहुंचाई जाती है। इनडोर गेम्स, बार, इनेटेरेक्टिंग रूम, मेल बॉक्स, मेडिकल सुविधा भी मौजूद हैं। भारतीय रेल और राजस्थान पर्यटन विभाग की ओर से एटीएम और सेटेलाइट फोन की सुविधाएं भी जल्द ही जोड़ी जाएंगी।

शाही रेल तथा पर्यटन

पैलेस ऑन व्हील्स को आलीशान रेलों की श्रेणी में चौथे नंबर पर आंका गया है। इस रेल की तर्ज पर सात अलग-अलग ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि सभी ट्रेनें भारत के लगभग हर उस राज्य में चलाई जा रही हैं, जो पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इन ट्रेनों में महाराजा एक्सप्रेस, द गोल्डन चेरियट, डेकन ओडिसी, रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स, फैरी क्वीन और महापरिनिर्वाण एक्सप्रेस मुख्य हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख