कैलाश चौधरी: Difference between revisions
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कैलाश चौधरी लम्बे समय से [[राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ]] से जुड़े हुए हैं। वह 'बीजेपी किसान मोर्चा' राजस्थान के अध्यक्ष भी रहे हैं। [[प्रधानमंत्री]] [[नरेन्द्र मोदी]] के मंत्रिमंडल में शामिल [[बाड़मेर]]-[[जैसलमेर]] से नव निर्वाचित सांसद कैलाश चौधरी का शुरुआती राजनीतिक सफर काफी संघर्षमय रहा। बचपन से आरएसएस से जुड़ाव व छात्र राजनीति से कॅरियर की शुरुआत कर [[2013]] में बायतु से विधायक बने। [[संसद]] के 67 साल के [[इतिहास]] में ये दूसरा मौका है, जब बाड़मेर से कोई सांसद मंत्री बना है। इससे पूर्व [[1990]]-[[1991]] तक कल्याणसिंह कालवी केंद्रीय ऊर्जा मंत्री रहे। इसके बाद दूसरे सांसद कैलाश चौधरी हैं, जो केंद्र सरकार में मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं। चौंकाने की बात यह है कि स्नातक उत्तीर्ण करने के बाद जब राजनीति में कोई खास पहचान नहीं मिली तो कैलाश चौधरी ने आजीविका चलाने के लिए बस कंडक्टर के तौर पर भी काम किया। | |||
==राजनीतिक कॅरियर== | |||
*कैलाश चौधरी ने बालोतरा में समदड़ी रोड स्थित पुराने वार्ड सं. 19 से [[1999]] में पार्षद का चुनाव लड़ा, पर यहां हार का सामना करना पड़ा। | |||
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Latest revision as of 10:01, 17 July 2021
कैलाश चौधरी
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पूरा नाम | कैलाश चौधरी |
जन्म | 20 सितंबर, 1973 |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पद | कृषि एवं कृषक कल्याण राज्य मंत्री- 30 मई, 2019 से |
अन्य जानकारी | बचपन से आरएसएस से जुड़ाव व छात्र राजनीति से कॅरियर की शुरुआत कर कैलाश चौधरी 2013 में बायतु से विधायक बने। |
अद्यतन | 15:23, 17 जुलाई 2021 (IST)
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कैलाश चौधरी (अंग्रेज़ी: Kailash Choudhary, जन्म- 20 सितंबर. 1973) भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ हैं जो वर्तमान भारत सरकार में 'केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री हैं। वह बाड़मेर, राजस्थान से लोकसभा सांसद हैं। वह पूर्व राजस्थान विधानसभा में बायतू से विधायक हैं।
आरएसएस से जुड़ाव
कैलाश चौधरी लम्बे समय से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े हुए हैं। वह 'बीजेपी किसान मोर्चा' राजस्थान के अध्यक्ष भी रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल बाड़मेर-जैसलमेर से नव निर्वाचित सांसद कैलाश चौधरी का शुरुआती राजनीतिक सफर काफी संघर्षमय रहा। बचपन से आरएसएस से जुड़ाव व छात्र राजनीति से कॅरियर की शुरुआत कर 2013 में बायतु से विधायक बने। संसद के 67 साल के इतिहास में ये दूसरा मौका है, जब बाड़मेर से कोई सांसद मंत्री बना है। इससे पूर्व 1990-1991 तक कल्याणसिंह कालवी केंद्रीय ऊर्जा मंत्री रहे। इसके बाद दूसरे सांसद कैलाश चौधरी हैं, जो केंद्र सरकार में मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं। चौंकाने की बात यह है कि स्नातक उत्तीर्ण करने के बाद जब राजनीति में कोई खास पहचान नहीं मिली तो कैलाश चौधरी ने आजीविका चलाने के लिए बस कंडक्टर के तौर पर भी काम किया।
राजनीतिक कॅरियर
- कैलाश चौधरी ने बालोतरा में समदड़ी रोड स्थित पुराने वार्ड सं. 19 से 1999 में पार्षद का चुनाव लड़ा, पर यहां हार का सामना करना पड़ा।
- फिर वर्ष 2004 में वे जिला परिषद सदस्य निर्वाचित हुए। करीब 15 वर्ष के राजनीतिक संघर्ष के बाद वर्ष 2006 में कवास बाढ़ पीडितों को न्याय दिलाने के लिए ज्ञापन देते हुए तत्कालीन यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से विभिन्न मांगों को लेकर उलझ गए थे।[1]
- अब तक कैलाश चौधरी ने तीन विधानसभा चुनाव लड़े। 2008 में पहला विधानसभा चुनाव बायतु से लड़े और 36418 वोट से हारे।
- 2013 में बायतु से कैलाश 13974 वोट से जीत गए।
- 2018 में फिर बायतु से विधानसभा चुनाव लड़े, लेकिन 18311 वोट से हार गए।
- 2019 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े और कांग्रेस प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह को 3 लाख 23 हजार 808 वोट से हरा दिया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कैलाश चौधरी (हिंदी) kailashchoudhary.in। अभिगमन तिथि: 17 जुलाई, 2021।
संबंधित लेख
नरेन्द्र मोदी का कैबिनेट मंत्रिमण्डल
क्रमांक | मंत्री नाम | मंत्रालय |
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