भगत सिंह कोश्यारी: Difference between revisions
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Revision as of 09:31, 9 June 2022
भगत सिंह कोश्यारी
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पूरा नाम | भगत सिंह कोश्यारी |
जन्म | 17 जून 1942 |
जन्म भूमि | अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड |
अभिभावक | पिता- गोपाल सिंह कोश्यारी, माता- मोतिमा देवी |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पद | राज्यपाल, महाराष्ट्र- 5 सितंबर, 2019 से पदस्थ राज्यपाल, गोवा (अतिरिक्त प्रभार)- 18 अगस्त, 2020 से 6 जुलाई, 2021 तक |
संबंधित लेख | राज्यपाल, भारत के राज्यों के वर्तमान राज्यपालों की सूची |
अद्यतन | 15:01, 9 जून 2022 (IST)
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भगत सिंह कोश्यारी (अंग्रेज़ी: Bhagat Singh Koshyari, जन्म- 17 जून 1942, अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड) भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वे वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। इसके साथ ही उन्होंने गोवा के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी सम्भाला था। भगत सिंह कोश्यारी भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञों में से एक हैं। वह उत्तराखंड राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री रहे हैं और उत्तराखण्ड विधानसभा में 2002 से 2007 तक विपक्ष के शीर्ष नेता रह चुके हैं।
परिचय
भगत सिंह कोश्यारी का जन्म 17 जून, 1942 को उत्तराखंड के बागेश्वर जिले स्थित नामती चेताबागड़ गांव में हुआ था। महाराष्ट्र के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाल रहे कोश्यारी को बीजेपी को उत्तराखंड में स्थापित करने वाले नेताओं में शुमार किया जाता है। उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा को समर्पित किया है। उन्होंने अपनी प्रराम्भिक शिक्षा अल्मोड़ा में पूरी की और उसके पश्चात आगरा यूनिवर्सिटी से अंग्रेज़ी साहित्य में पढ़ाई की। भगत सिंह कोश्यारी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव रहने के अलावा उत्तराखंड भाजपा के पहले अध्यक्ष भी रहे।
राजनीतिक शुरुआत
भगत सिंह कोश्यारी ने छात्र जीवन से ही राजनीति में कदम रख दिया था। 1961 में कोश्यारी अल्मोड़ा कॉलेज में छात्रसंघ के महासचिव चुने गए। इंदिरा गांधी के द्वारा देश में 1975 में लगाए गए आपात काल का भगत सिंह कोश्यारी ने विरोध किया, जिसके चलते उन्हें करीब पौने दो साल तक जेल में रहना पड़ा। 23 मार्च, 1977 को रिहा हुए, जिससे उन्हें राजनीतिक पहचान मिली।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री
भगत सिंह कोश्यारी ने 1979 से 1985 और फिर 1988 से 1991 तक कुमाऊं विश्वविद्यालय की एक्जीक्यूटिव काउंसिल में प्रतिनिधित्व किया। उत्तराखंड बनने से पहले 1997 में कोश्यारी उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य चुने गए। उत्तराखंड राज्य के अस्तित्व में आने के बाद नित्यानंद स्वामी मुख्यमंत्री बने तो कोश्यारी उत्तराखंड की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। इसके बाद उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से करीब छह महीने पहले उत्तराखंड की सत्ता की कोश्यारी को सौंप दी गई और वह 30 अक्टूबर, 2001 से 1 मार्च, 2002 तक मुख्यमंत्री रहे।
सांसद से राज्यपाल
उत्तराखंड के 2002 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हार जाने के बाद भगत सिंह कोश्यारी ने 2002 से 2007 तक विधानसभा में नेता विपक्ष की जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद उन्होंने 2007 से 2009 तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली, इसी दौरान 2007 में बीजेपी की उत्तराखंड की सत्ता में वापसी हुई, लेकिन पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया। इसके बाद वह 2008 से 2014 तक उत्तराखंड से राज्यसभा के सदस्य चुने गए थे। 2014 में बीजेपी ने नैनीताल संसदीय सीट से उन्हें मैदान में उतारा और वह जीतकर पहली बार लोकसभा सदस्य चुने गए, लेकिन 2019 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। आरएसएस से भगत सिंह कोश्यारी की काफी नजदीकी होने के चलते नरेन्द्र मोदी सरकार ने उन्हें महाराष्ट्र के राज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी है।
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टीका-टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
- पुनर्प्रेषित साँचा:राज्यपाल, उपराज्यपाल व प्रशासक