कर्णपत्रभंग कला
जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एककलाहै। इसकलाके अनतर्गत शंख, हाथीदाँत आदि के अनेक तरह के कान के आभूषण बनाना है।
जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एककलाहै। इसकलाके अनतर्गत शंख, हाथीदाँत आदि के अनेक तरह के कान के आभूषण बनाना है।