अरविन्द सवैया

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 13:56, 1 December 2011 by गोविन्द राम (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

अरविन्द सवैया आठ सगण और लघु के योग से छन्द बनता है। 12, 13 वर्णों पर यति होती है और चारों चरणों में ललितान्त्यानुप्रास होता है।

  • "अधिरात अँध्यार को मेघ छटा, घुमड़ी छुटि बिज्जु छटा चहुँ ओर।"[1]
  • "कुछ और नहीं युग लोचनाँ में, प्रतिबिम्बित है अनुराग अमन्द।"[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. देव : शब्द रसायन, पृष्ठ 10, 154
  2. चन्द्राकर

धीरेंद्र, वर्मा “भाग- 1 पर आधारित”, हिंदी साहित्य कोश (हिंदी), 742।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः