रवि शास्त्री

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 06:03, 27 May 2018 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
रवि शास्त्री
व्यक्तिगत परिचय
पूरा नाम रविशंकर जयद्रथ शास्त्री
जन्म 27 मई, 1962
जन्म भूमि बॉम्बे (अब मुंबई), महाराष्ट्र
पत्नी रितु
संतान 1 पुत्री
खेल परिचय
बल्लेबाज़ी शैली दाएँ हाथ के सलामी बल्लेबाज़
गेंदबाज़ी शैली बाएं हाथ से स्पिन गेंदबाज़
टीम भारत, ग्लेमॉर्गन, मुंबई
भूमिका ऑलराउंडर, कमेंटेटर
पहला टेस्ट न्यूजीलैंड विरुद्ध भारत, वेलिंग्टन , 21 फरवरी 1981
आख़िरी टेस्ट दक्षिण अफ्रीका विरुद्ध भारत, सेंट जॉर्ज पार्क, 26 दिसम्बर 1992
पहला वनडे भारत विरुद्ध इंग्लैंड, अहमदाबाद, 25 नवम्बर 1981
आख़िरी वनडे दक्षिण अफ्रीका विरुद्ध भारत, डरबन , 17 दिसम्बर 1992
कैरियर आँकड़े
प्रारूप टेस्ट क्रिकेट एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय टी-20 अन्तर्राष्ट्रीय
मुक़ाबले 80 150 0
बनाये गये रन 3830 3108 0
बल्लेबाज़ी औसत 35.79 29.04 o
100/50 11/12 4/18 0
सर्वोच्च स्कोर 206 109 0
फेंकी गई गेंदें 15751 6613 0
विकेट 151 129 0
गेंदबाज़ी औसत 40.96 36.04 0
पारी में 5 विकेट 2 1 0
मुक़ाबले में 10 विकेट 0 0 0
सर्वोच्च गेंदबाज़ी 5/75 5/15 0
कैच/स्टम्पिंग 36/0 40/0 0
बाहरी कड़ियाँ ई.एस.पी.एन क्रिकइंफो
अद्यतन

रवि शास्त्री (अंग्रेज़ी: Ravi Shastri, जन्म: 27 मई, 1962) भारत के प्रसिद्ध पूर्व क्रिकेटर और वर्तमान समय में उम्दा कमेंटेटर हैं। इन्होंने बतौर क्रिकेट खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 1981 से 1992 तक टेस्ट क्रिकेट और एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेला है। रवि शास्त्री ने अपने क्रिकेट कैरियर में धीमी गति के गेंदबाज और बल्लेबाज की भूमिका निभाई है। इस कारण इन्हें एक ऑल राउंडर के तौर पर जाना जाता था। रवि शास्त्री 15 जुलाई, 2017 से भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के पद पर हैं, इससे पहले कोच अनिल कुंबले थे।

जीवन परिचय

रवि शास्त्री के माता-पिता कर्नाटक के रहने वाले थे, पर इनका जन्म मुंबई में 27 मई, 1962 को हुआ। इनके पिताजी डॉक्टर थे। घर में बच्चों को पढ़ाई की तरफ ज़्यादा से ज़्यादा ध्यान देने को कहा जाता था। जब रवि शास्त्री बहुत छोटे थे तब वे गिल्ली-डंडा, कंचे और फुटबॉल-हॉकी खेलने में ही ज़्यादा समय बिताते थे। उन्हें दोस्तों के साथ बाहर खेलकूद में ही ज़्यादा मजा आता था। बचपन में रवि शास्त्री के पास ही खेलने का ज़्यादातर सामान था और किसी भी खेल में आउट हो जाने पर वे खेल बंद कर देते थे तो सारे दोस्त उनकी बात मानकर उन्हें एक मौक़ा और दे देते थे। क्रिकेट में भी जब वे आउट हो जाते थे तो बैट लेकर भाग जाते थे। फिर उनके दोस्त उन्हें घर से मनाकर लाते थे कि अच्छा चलो एक बार बल्लेबाज़ी और कर लेना। ये बातें तब की हैं जब वे बहुत छोटे थे। फिर बड़ा होने पर उन्हें मालूम हुआ कि हार-जीत खेल का हिस्सा है।

thumb|left|रवि शास्त्री स्कूल में रवि शास्त्री अपनी क्लास में सबसे पीछे की बेंच पर बैठते थे। इसका एक कारण थी आखिरी बेंच के पास की खिड़की। इस खिड़की से वे क्लास से बाहर क्या चल रहा है यह देख पाते थे और ज़रूरत लगने पर चॉकलेट की पन्नी या फलों के छिलके खिड़की से बाहर भी फेंक सकते थे। वे क्लास में बैठे-बैठे चॉकलेट और दूसरी चीज़ें भी खाते थे। जब वे स्कूल में थे तो खाने के बहुत-सी चीज़ें अपने दोस्तों के लिए ले जाते थे ताकि वे अपनी चीज़ें एक-दूसरे के साथ बाँट सकें।

जब रवि शास्त्री 9वीं में थे, तब स्कूल की क्रिकेट टीम बनी और उनके कोच देसाई सर ने उन्हें क्रिकेट सीखने में खूब मदद की। उनकी वजह से ही वे क्रिकेटर बन सके। उनकी स्कूल की टीम ने चैंपियनशिप भी जीती थी और वह पहली ट्रॉफी थी, जिसने उन्हें बहुत उत्साहित किया था। यह ट्रॉफी जीतने के बाद ही वे तय कर पाये थे कि अब उन्हें एक अच्छा क्रिकेटर बनना है और देश के लिए क्रिकेट खेलनी है। उनका यह निर्णय आगे चलकर सही साबित हुआ और वे देश के लिए क्रिकेट खेले भी। क्रिकेट से सन्न्यास के बाद भी उन्हें इस खेल से इतना लगाव हो गया कि अब वे कमेंट्री में भी खूब आनंद लेते है।

क्रिकेट के अलावा

रवि शास्त्री ने क्रिकेट से पहले बहुत से खेलों में हाथ आजमाए। जब वे बड़े हो रहे थे, तब वे टेनिस भी खेलते थे। खेलों के प्रति रुचि जगाने में उनका स्कूल डॉन बॉस्को का भी बड़ा योगदान रहा, क्योंकि यहाँ उन्हें तरह-तरह के खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था। गिल्ली-डंडा और टेनिस से होते हुए सबसे आखिर में उनकी गाड़ी क्रिकेट पर आकर रुकी।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः