अंगण

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अंगण - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत अंङ्ण)[1]

1. घर के बीच का खुला हुआ भाग, आँगन, सहन, चौक, अजिर।

उदाहरण

(क) 'संदेसे ही घर भरयउ कई अंगणि कई वार।'[2]

(ख) 'आबी द्वार तजे ग्रह अंगण।'[3]

विशेष - शुभाशुभ निश्चय के लिये इसके दो भेद माने गए हैं, एक 'सूर्यवेधी' जो पूर्व पश्चिम लंबा हो, दूसरा 'चंद्रवेधी' जिसकी लंबाई उत्तर दक्षिण हो। चंद्रवेधी आँगन अच्छा समझा जाता है।

2. यान, सवारी[4]। 3. संचार, गमन[5]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 05 |
  2. ढोला मारू रा दूहा, 800
  3. राजपूताने का इतिहास, पृ. 15
  4. अन्य कोश
  5. अन्य कोश

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