समुद्री पुरातत्व इकाई

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:02, 11 February 2021 by आदित्य चौधरी (talk | contribs) (Text replacement - "मुताबिक" to "मुताबिक़")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

समुद्री पुरातत्व इकाई जलमग्न बंदरगाहों और जहाजों के उत्खनन एवं अन्वेषण की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है। इस इकाई की स्थापना राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान, गोवा में हुई थी।

सूचना एवं तकनीकी विभाग की मदद से इस परियोजना ने गुजरात की धार्मिक नगरी द्वारिका के अपतटीय सर्वेक्षण का बीड़ा उठाया है। श्रीकृष्ण द्वारा रचित यह नगरी जलमग्न हुई मानी जाती है। समुद्र देवता मंदिर के पुरातन बंदरगाह पर पानी के भीतर खुदाई से बड़ी इमारतों के जलमग्न ढांचे मिले हैं। इसी तरह तटवर्ती खुदाई में समुद्र द्वारा नष्ट तीन मंदिर- (पहली से 9वीं ए.डी.) और दो नगर (10 से 15 बी.सी.) मिले हैं। ओखा पोर्ट स्थित बेट द्वारका द्वीप के अपतटीय उत्खनन द्वारा कृष्ण से संबंधित 14 से 15 ईसा पूर्व जलमग्न हुए नगर के सांकेतिक अवशेष मिले हैं। पानी के भीतर उत्खनन से महत्वपूर्ण आद्यैतिहासिक प्राप्तियों में सिंधु घाटी के चिन्ह और एक लिखित जार मिला है, जिसमें समुद्र देव का उल्लेख और उनसे रक्षा की याचना की गई है।[1]

समुद्र देव मंदिर के 700 मीटर समुद्रोन्मुखी दिशा में अरब सागर में उत्खनन से चूने के पत्थर से बनी किलाबंद दीवारों और गड्ढों के अवशेष मिले हैं, जिससे द्वारका नगरी के होने और महाभारत में वर्णित उसकी किलेबंदी की पुष्टि होती है। इसे ‘वरीदुर्गा’ (पानी में गढ़) कहा गया है। दीवार के एक भाग से निकले मिट्टी के बर्तन की अवधि लगभग 3,520 साल है। पुरातत्वीय प्रमाणों के अनुसार महाभारत को भी इतने वर्ष हो गए हैं।

राष्ट्रीय एवं प्रांतीय अभिलेखागार के समुद्री रिकॉर्ड के मुताबिक़ भारतीय समुद्रों में करीब 200 पोत भंग हुए हैं। समुद्री पुरातत्वीय खोज का लक्ष्य समुद्री व्यापार के इतिहास की पुनर्रचना, पोत निर्माण और सांस्कृतिक प्रवास है। इसी के साथ नाविक स्थापत्य और तलछट शास्त्रियों के उपयोग हेतु आंकड़ों को संवारना भी इसका उद्देश्य है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय संस्कृति |प्रकाशक: स्पेक्ट्रम बुक्स प्रा. लि. |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 374-375 |

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः