Difference between revisions of "महाभारत सामान्य ज्ञान 6"
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "पश्चात " to "पश्चात् ") |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 7: | Line 7: | ||
| | | | ||
<quiz display=simple> | <quiz display=simple> | ||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
{[[महाभारत]] में राज्य के कितने महत्त्वपूर्ण अंग बताये गए हैं? | {[[महाभारत]] में राज्य के कितने महत्त्वपूर्ण अंग बताये गए हैं? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
Line 77: | Line 37: | ||
+3 | +3 | ||
-6 | -6 | ||
− | ||[[चित्र:Puran-1.png|right|120px|पुराण]]लक्षश्लोकात्मक [[महाभारत]] की सम्पूर्ति के लिए अठारह पर्वों के | + | ||[[चित्र:Puran-1.png|right|120px|पुराण]]लक्षश्लोकात्मक [[महाभारत]] की सम्पूर्ति के लिए अठारह पर्वों के पश्चात् 'खिलपर्व' के रूप में '[[हरिवंश पुराण]]' की योजना की गयी है। हरिवंश पुराण में तीन पर्व हैं- 'हरिवंश पर्व', 'विष्णु पर्व' और 'भविष्य पर्व'। इन तीनों पर्वों में कुल मिलाकर 318 अध्याय और 12,000 [[श्लोक]] हैं। महाभारत का पूरक तो यह है ही, स्वतन्त्र रूप से भी इसका विशिष्ट महत्त्व है। सन्तान-प्राप्ति के लिए हरिवंश पुराण का श्रवण लाभदायक माना गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महाभारत]] |
{[[धृतराष्ट्र]] के दामाद का क्या नाम था? | {[[धृतराष्ट्र]] के दामाद का क्या नाम था? |
Latest revision as of 07:30, 7 November 2017
samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan
panne par jaean
|
panne par jaean
samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan