कबीर कहा गरबियो देही देखि सुरंग -कबीर
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कबीर कहा गरबियो, देही देखि सुरंग। |
अर्थ सहित व्याख्या
कबीरदास कहते हैं कि हे मानव! इस सुन्दर शरीर को देखकर क्यों गर्व करते हो? मृत्यु होने पर यह शरीर जीव को वैसे ही फिर नहीं मिल सकता, जैसे सर्प केंचुल को त्याग देने पर पुन: उसे धारण नहीं कर सकता।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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