चन्द्रपुर पर्यटन: Difference between revisions
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[[चन्द्रपुर]] (भूतपूर्व चंदा) शहर, पूर्वी [[महाराष्ट्र]] राज्य, पश्चिम [[भारत]] में वर्धा नदी की एक सहायक नदी के तट पर स्थित है। चंद्रपुर का अर्थ है, 'चंद्रमा का घर'। पर्यटकों के देखने लायक़ यहाँ अनेक ऐतिहासिक मन्दिर और स्मारक हैं। साथ ही यहाँ के वन्यजीव अभ्यारण्य भी यहाँ आने वाले सैलानियों के आकर्षण का केंद्र होते हैं। चंद्रपुर के उत्तर में ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान स्थित है। इसके 45 किमी दक्षिण में मानिकगढ़ वन पर्यावरण सैरगाह है। यहाँ कई प्रकार के बांस व दूसरे वृक्ष, [[बाघ]], [[तेंदुआ]], जंगली कुत्ते, भालू गौर, सांबर, मुंतजाक हिरन जैसे जानवर व अनेक प्रजातियों के जंगली पक्षी पाए जाते हैं। | [[चन्द्रपुर]] (भूतपूर्व चंदा) शहर, पूर्वी [[महाराष्ट्र]] राज्य, पश्चिम [[भारत]] में वर्धा नदी की एक सहायक नदी के तट पर स्थित है। चंद्रपुर का अर्थ है, 'चंद्रमा का घर'। पर्यटकों के देखने लायक़ यहाँ अनेक ऐतिहासिक मन्दिर और स्मारक हैं। साथ ही यहाँ के वन्यजीव अभ्यारण्य भी यहाँ आने वाले सैलानियों के आकर्षण का केंद्र होते हैं। चंद्रपुर के उत्तर में ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान स्थित है। इसके 45 किमी दक्षिण में मानिकगढ़ वन पर्यावरण सैरगाह है। यहाँ कई प्रकार के बांस व दूसरे वृक्ष, [[बाघ]], [[तेंदुआ]], जंगली कुत्ते, भालू गौर, सांबर, मुंतजाक हिरन जैसे जानवर व अनेक प्रजातियों के जंगली पक्षी पाए जाते हैं। | ||
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*चन्द्रपुर में स्थित श्री भद्रवती तीर्थ के [[जैन]] मन्दिर पूरे ज़िले में प्रसिद्ध हैं। | *चन्द्रपुर में स्थित श्री भद्रवती तीर्थ के [[जैन]] मन्दिर पूरे ज़िले में प्रसिद्ध हैं। | ||
*भगवान केसरिया जी [[तीर्थंकर पार्श्वनाथ|पार्श्वनाथ]] इन मन्दिरों के मुख्य आराध्य देव हैं। उनकी [[काला रंग|काले रंग]] की प्रतिमा काफ़ी आकर्षक है। | *भगवान केसरिया जी [[तीर्थंकर पार्श्वनाथ|पार्श्वनाथ]] इन मन्दिरों के मुख्य आराध्य देव हैं। उनकी [[काला रंग|काले रंग]] की प्रतिमा काफ़ी आकर्षक है। | ||
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*यह प्राचीन मन्दिर 12वीं शताब्दी में बना था, [[शिव|भगवान शिव]] को समर्पित है। | *यह प्राचीन मन्दिर 12वीं शताब्दी में बना था, [[शिव|भगवान शिव]] को समर्पित है। | ||
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*नंगरगोटा एक ख़ूबसूरत पर्यटन स्थल है जो पहाड़ी को काटकर बनाई गई गुफाओं के लिए चर्चित है। | *नंगरगोटा एक ख़ूबसूरत पर्यटन स्थल है जो पहाड़ी को काटकर बनाई गई गुफाओं के लिए चर्चित है। | ||
*गुफ़ा में किसी प्रकार की कोई तस्वीर या चित्र नहीं हैं। | *गुफ़ा में किसी प्रकार की कोई तस्वीर या चित्र नहीं हैं। | ||
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*गणेश मन्दिर की वास्तुकला और मूर्तियाँ अपने आप में अद्वितीय हैं। | *गणेश मन्दिर की वास्तुकला और मूर्तियाँ अपने आप में अद्वितीय हैं। | ||
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*चन्द्रपुर ज़िले का यह वन्यजीव अभयारण्य 105 वर्ग कि. मी. क्षेत्र में फैला हुआ है। | *चन्द्रपुर ज़िले का यह वन्यजीव अभयारण्य 105 वर्ग कि. मी. क्षेत्र में फैला हुआ है। | ||
*इस अभयारण्य में वन्यजीवों की विविध प्रजातियाँ पाई जाती हैं। | *इस अभयारण्य में वन्यजीवों की विविध प्रजातियाँ पाई जाती हैं। | ||
*तेंदुए, जंगली मुर्गा, वाइल्ड बोर, स्लोथ बीयर आदि यहाँ मुख्यत: रूप से पाए जाते हैं। | *तेंदुए, जंगली मुर्गा, वाइल्ड बोर, स्लोथ बीयर आदि यहाँ मुख्यत: रूप से पाए जाते हैं। | ||
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*बाबा आमटे का जीवन कुष्ठरोगियों के लिए समर्पित रहा है। | *बाबा आमटे का जीवन कुष्ठरोगियों के लिए समर्पित रहा है। | ||
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Latest revision as of 10:55, 21 November 2011
चन्द्रपुर | चन्द्रपुर पर्यटन | चन्द्रपुर ज़िला |
[[चित्र:Markandeshwar-Temple-Chandrapur.jpg|thumb|250px|मरकड महादेव मन्दिर, चन्द्रपुर]] चन्द्रपुर (भूतपूर्व चंदा) शहर, पूर्वी महाराष्ट्र राज्य, पश्चिम भारत में वर्धा नदी की एक सहायक नदी के तट पर स्थित है। चंद्रपुर का अर्थ है, 'चंद्रमा का घर'। पर्यटकों के देखने लायक़ यहाँ अनेक ऐतिहासिक मन्दिर और स्मारक हैं। साथ ही यहाँ के वन्यजीव अभ्यारण्य भी यहाँ आने वाले सैलानियों के आकर्षण का केंद्र होते हैं। चंद्रपुर के उत्तर में ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान स्थित है। इसके 45 किमी दक्षिण में मानिकगढ़ वन पर्यावरण सैरगाह है। यहाँ कई प्रकार के बांस व दूसरे वृक्ष, बाघ, तेंदुआ, जंगली कुत्ते, भालू गौर, सांबर, मुंतजाक हिरन जैसे जानवर व अनेक प्रजातियों के जंगली पक्षी पाए जाते हैं।
पर्यटन स्थल
- श्री भद्रवती तीर्थ
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
- चन्द्रपुर में स्थित श्री भद्रवती तीर्थ के जैन मन्दिर पूरे ज़िले में प्रसिद्ध हैं।
- भगवान केसरिया जी पार्श्वनाथ इन मन्दिरों के मुख्य आराध्य देव हैं। उनकी काले रंग की प्रतिमा काफ़ी आकर्षक है।
- मरकड महादेव मन्दिर
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
- यह प्राचीन मन्दिर 12वीं शताब्दी में बना था, भगवान शिव को समर्पित है।
- इस मन्दिर का गर्भगृह सात रथ की आकृति से सुसज्जित है।
- नंगरगोटा
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
- नंगरगोटा एक ख़ूबसूरत पर्यटन स्थल है जो पहाड़ी को काटकर बनाई गई गुफाओं के लिए चर्चित है।
- गुफ़ा में किसी प्रकार की कोई तस्वीर या चित्र नहीं हैं।
- गणेश मन्दिर
- गणेश मन्दिर की वास्तुकला और मूर्तियाँ अपने आप में अद्वितीय हैं।
- भरमगढ़ वन्यजीव अभयारण्य
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
- चन्द्रपुर ज़िले का यह वन्यजीव अभयारण्य 105 वर्ग कि. मी. क्षेत्र में फैला हुआ है।
- इस अभयारण्य में वन्यजीवों की विविध प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- तेंदुए, जंगली मुर्गा, वाइल्ड बोर, स्लोथ बीयर आदि यहाँ मुख्यत: रूप से पाए जाते हैं।
- चिपराला वन्यजीव अभयारण्य
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
- शुष्क वनों से घिरा यह अभयारण्य 134 वर्ग कि.मी. के क्षेत्र में फैला हुआ है।
- यह अभयारण्य मुख्यत: बड़ी गिलहरियों के लिए जाना जाता है।
- अजगर और गोह जैसे सरीसृप भी यहाँ दिखाई देते हैं।
- तरोबा राष्ट्रीय पार्क
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
- यह राष्ट्रीय पार्क चन्द्रपुर से 45 कि. मी. की दूरी पर है।
- टीस और बांस के पेड़ इस पार्क की सुंदरता में वृद्धि करते हैं।
- आनंदवन आश्रम
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
- वरोरा नगर स्थित यह आश्रम प्रसिद्ध समाजसेवी बाबा आम्टे की कर्मभूमि रही है।
- बाबा आमटे का जीवन कुष्ठरोगियों के लिए समर्पित रहा है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ