रामदेवरा जैसलमेर: Difference between revisions
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[[जैसलमेर]] [[राजस्थान]] का सबसे ख़ूबसूरत शहर है और [[जैसलमेर पर्यटन]] का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। जैसलमेर ज़िले की पोकरण तहसील में एक धार्मिक आस्थास्थल है, राजस्थान के प्रसिद्ध लोक देवता [[रामदेवरा]] जी की समाधि यहाँ स्थित हैं। कुछ लोगों का यह मत है कि सन् 1458 ई. में रामदेव जी ने यहाँ स्वयं समाधि ली थी। 'रुणेचा' रामदेवरा का प्राचीन नाम है। यहाँ लगने वाला मेला राज्य में साम्प्रदायिक सदभाव का प्रतीक माना जाता है क्योंकि रामदेव जी [[हिन्दू]] और [[मुसलमान|मुस्लिम]] दोनों समुदाय के आराध्य देवता माने जाते हैं। रामदेवरा जी की समाधि के निकट ही [[बीकानेर]] के महाराजा [[गंगासिंह]] द्वारा 1931 में बनवाया गया भव्य मंदिर स्थित हैं। भादों सुदी दो से भादों सुदी ग्यारह तक यहाँ प्रतिवर्ष एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता हैं। इस अवसर पर 'कामड' जाति की स्त्रियों द्वारा किया जाने वाला 'तेरह ताली नृत्य' विशेष आकर्षण होता हैं। ये लोग रामदेव जी के भोपे होते हैं। रामदेवरा रेल और सड़क मार्ग द्वारा प्रमुख नगरों से जुड़ा हुआ हैं। | |||
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==संबंधित लेख== | |||
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जैसलमेर | जैसलमेर पर्यटन | जैसलमेर ज़िला |
जैसलमेर राजस्थान का सबसे ख़ूबसूरत शहर है और जैसलमेर पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। जैसलमेर ज़िले की पोकरण तहसील में एक धार्मिक आस्थास्थल है, राजस्थान के प्रसिद्ध लोक देवता रामदेवरा जी की समाधि यहाँ स्थित हैं। कुछ लोगों का यह मत है कि सन् 1458 ई. में रामदेव जी ने यहाँ स्वयं समाधि ली थी। 'रुणेचा' रामदेवरा का प्राचीन नाम है। यहाँ लगने वाला मेला राज्य में साम्प्रदायिक सदभाव का प्रतीक माना जाता है क्योंकि रामदेव जी हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदाय के आराध्य देवता माने जाते हैं। रामदेवरा जी की समाधि के निकट ही बीकानेर के महाराजा गंगासिंह द्वारा 1931 में बनवाया गया भव्य मंदिर स्थित हैं। भादों सुदी दो से भादों सुदी ग्यारह तक यहाँ प्रतिवर्ष एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता हैं। इस अवसर पर 'कामड' जाति की स्त्रियों द्वारा किया जाने वाला 'तेरह ताली नृत्य' विशेष आकर्षण होता हैं। ये लोग रामदेव जी के भोपे होते हैं। रामदेवरा रेल और सड़क मार्ग द्वारा प्रमुख नगरों से जुड़ा हुआ हैं।
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