स्टेट बैंक ऑफ़ बीकानेर एण्ड जयपुर: Difference between revisions

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Latest revision as of 12:13, 22 November 2016

स्टेट बैंक ऑफ़ बीकानेर एण्ड जयपुर
विवरण 'स्टेट बैंक ऑफ़ बीकानेर एण्ड जयपुर' भारत का एक प्रमुख बैंक है। यह एक व्यावसायिक रूप से सुव्यवस्थित सरकारी क्षेत्र का बैंक है।
अन्य नाम एसबीबीजे
स्थापना 1 जनवरी, 1963
मुख्यालय प्रधान शाखा, तिलक मार्ग,जयपुर, राजस्थान
प्रकार सार्वजनिक
उद्योग बैंकिंग, बीमा, पूंजी बाज़ार और संबद्ध उद्योग
अन्य जानकारी वर्तमान में बैंक की देशभर में 864 से अधिक शाखायें हैं। इसका व्यापार केन्द्र मुख्यत: राजस्थान है। इस बैंक को संक्षेप में एसबीबीजे कहा जाता है।
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट
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स्टेट बैंक ऑफ़ बीकानेर एण्ड जयपुर (अंग्रेज़ी: State Bank of Bikaner & Jaipur) भारत का एक प्रमुख बैंक है। स्टेट बैंक ऑफ़ बीकानेर एण्ड जयपुर एक व्यावसायिक रूप सुव्यवस्थित सरकारी क्षेत्र का बैंक है। जिसका शुभारम्भ वर्ष 1963 में स्टेट बैंक ऑफ़ जयपुर और स्टेट बैंक ऑफ़ बीकानेर के विलयीकरण से भारतीय स्टेट बैंक के सहयोगी बैंक के रूप में हुआ। वर्तमान में बैंक की देशभर में 864 से अधिक शाखायें हैं। इसका व्यापार केन्द्र मुख्यत: राजस्थान है। इस बैंक को संक्षेप में एसबीबीजे कहा जाता है।

स्थापना और इतिहास

स्टेट बैंक ऑफ़ बीकानेर एण्ड जयपुर का प्रार्दुभाव तब हुआ जब सन्‌ 1943-44 में बैंक ऑफ़ जयपुर लिमिटेड एवं बैंक ऑफ़ बीकानेर लिमिटेड अस्तित्व में आये। भारतीय स्टेट बैंक के सहयोगी के रुप में दोनों बैंकों को वर्ष 1960 में समामेलित कर स्टेट बैंक ऑफ़ बीकानेर और स्टेट बैंक ऑफ़ जयपुर नाम दिया गया। 1 जनवरी, 1963 को दोनों बैंकों को विलय कर एक बैंक - स्टेट बैंक ऑप बीकानेर एण्ड जयपुर नाम दिया गया। विधान, पूँजी, प्रबन्धन तथा अन्य बैंक सम्बन्धी मामले भारतीय स्टेट बैंक (समनुंषगी बैंक) अधिनियम, 1959 के प्रावधानों से शासित होते हैं। बैंक के 75 प्रतिशत अंश भारतीय स्टेट बैंक के पास हैं तथा बाकी संस्थाओं एवं साधारण जनता के पास हैं। बैंक ने 25 अप्रेल 1966 को गोविन्द बैंक प्रा. लि., मथुरा के व्यवसाय का अधिग्रहण किया। एसबीबीजे का सार्वजनिक निर्गम वर्ष 1997-98 में 12.21 लाख शेयर के लिए रु.100 प्रति के शेयर को रु.440 प्रिमियम पर जारी किया।

विज़न एवं मिशन

बैंक ने अपनी अन्तर्निहित विशिष्टताओं, संस्कृति एवं अभिलाषाओं को निम्नलिखित दृष्टि एवं लक्ष्य आलेखों के रूप में सूत्रबद्ध किया है। दृष्टि एवं लक्ष्य वक्तव्य विगत में वर्ष 2000 में संशोधित किये गए थे किन्तु परिवर्तित बाज़ार परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इन वक्तव्यों को संशोधित किये जाने की आवश्यकता अनुभव की गई । तद्‌नुसार वर्ष 2009-10 में ये वक्तव्य संशोधित किये गए और संशोधित किये गए वक्तव्य निम्नतः हैं:-

दृष्टि (विज़न)

"एक अत्याधुनिक, ग्राहकोन्मुख, मूल्य-समर्पित तथा उच्चकोटि की निगमित अभिशासन पद्धतियों के प्रति प्रतिबद्ध व्यावसायिक रूप से सुप्रबन्धित बैंकिंग संगठन; एवं अंशधारकों की पूँजी में निरन्तर अभिवृद्धि करते हुए समस्त हितधारकों व समाज केद्व कल्याण हेतु निष्ठावान संस्थान बनना।"

लक्ष्य (मिशन)

"उच्च अभिप्रेरित, व्यावसायिक गुणवत्तायुक्त ग्राहक सेवा व देखभाल, लागत को ध्यान में रखते हुए सूचना प्रौद्योगिकी केद्व कुद्वशल उपयोग द्वारा ग्राहकों के कार्यों पर ध्यान केन्द्रित करने वाले दक्ष कर्मचारी वर्ग द्वारा उनकी समस्त बैंकिंग आवश्यकताओं का एक ही स्थान पर समाधान उपलब्ध करवाना; सभी हिताधिकारियों की समस्त अपेक्षाओं के पारदर्शी, उचित एवं वास्तविक प्रकटीकरण के लिए उत्तरदायी प्रबन्धकीय सिद्धांतों के द्वारा प्रतिपूर्ति करना; संस्थागत सामाजिक उत्तरदायित्त्व के निर्वहन के उद्देश्य से सम्पूर्ण राजस्थान राज्य में वित्तीय समावेशन पर विशेष बल देते हुए प्रत्येक को सर्वोत्तम बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करवाने हेतु प्रयत्नशील रहना।" उक्त संशोधित दृष्टि एवं लक्ष्य वक्तव्य में इन महत्त्वपूर्ण लाक्षणिक विशिष्टताओं पर बल दिया गया है- अत्याधुनिक बैंक बनना, अच्छी अभिशासन पद्धतियाँ अपनाना, समस्त हितधारकों और समाज का हित, समस्त ग्राहकों को अबाध समाधान प्रदान करना, लागत को ध्यान में रखते हुए प्रौद्योगिकी का कुशल उपयोग, पारदर्शी/वास्तविक/स्वच्छ प्रकटीकरण, प्रतिसंवेदी प्रबंधकीय सिद्धांत, कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्त्व का निर्वहन तथा राजस्थान राज्य में वित्तीय समावेशन लागू करना है।

विशेषताएँ

  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ़ बीकानेर एण्ड जयपुर एक मात्र ऐसा बैंक हैं जिसका प्रधान कार्यालय राजस्थान में हैं। समामेलन के समय बैंक की 124 शाखाएँ (जिनमें 96 राजस्थान में) थीं, बैंक का व्यवसाय 45 करोड़ व निवल लाभ 7.5 लाख रुपये था।
  • मार्च 2011 को बैंक की शाखाएँ बढकर 902 (जिनमें 744 राजस्थान में) कुल व्यवसाय 96,596 करोड़ व निवल लाभ 550.88 करोड़ का हो गया।
  • एसबीबीजे ने तीन क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों यथा मारवाड ग्रामीण बैंक (1976 में स्थापित), श्रीगंगानगर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (1984 में स्थापित) एवं बीकानेर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (1985 में स्थापित) प्रायोजित किये। इन सभी का एकल क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के रुप में जून 2006 में विलय कर एमजीबी ग्रामीण बैंक बना दिया गया।
  • बैंक राज्य के 9 ज़िलों में लीड बैंक की जिम्मेवारी का निर्वाह कर रहा है।



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