बैंकिंग लोकपाल योजना: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''बैंकिंग लोकपाल योजना''' बैंकों द्वारा प्रदान की जान...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
m (Text replacement - "जरूर" to "ज़रूर")
 
(2 intermediate revisions by the same user not shown)
Line 4: Line 4:
यह एक स्वशासी स्वतंत्र संस्था है, जो बैंकों द्वारा प्रदान की गई सेवाओं की निगरानी रखती है। ग्राहक किसी भी बैंक के अधिकारी व कर्मचारी की शिकायत व समय से सेवाएं न मिलने पर बैंकिंग लोकपाल को शिकायत डाक, ई मेल, ऑनलाइन दर्ज करा सकता है। नि:शुल्क की जाने वाली इस शिकायत का निस्तारण तीस दिन के अंदर किया जाता है। ग्राहकों की सुविधा व बैंकों में पारदर्शिता लाने के लिए यह योजना संचालित है।
यह एक स्वशासी स्वतंत्र संस्था है, जो बैंकों द्वारा प्रदान की गई सेवाओं की निगरानी रखती है। ग्राहक किसी भी बैंक के अधिकारी व कर्मचारी की शिकायत व समय से सेवाएं न मिलने पर बैंकिंग लोकपाल को शिकायत डाक, ई मेल, ऑनलाइन दर्ज करा सकता है। नि:शुल्क की जाने वाली इस शिकायत का निस्तारण तीस दिन के अंदर किया जाता है। ग्राहकों की सुविधा व बैंकों में पारदर्शिता लाने के लिए यह योजना संचालित है।
====शिकायत दर्ज कराना====
====शिकायत दर्ज कराना====
किसी बैंक के खिलाफ बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कराने से पहले ग्राहक को संबंधित बैंक में लिखित शिकायत करानी होगी और उसके जवाब के लिए कम-से-कम 30 दिन इंतजार करना होगा। अगर ग्राहक को बैंक से कोई समाधान नहीं मिलता है, तब इन हालात में उसे यह याद रखना चाहिए कि संबद्ध बैंक में लिखित शिकायत कराने की तारीख से लेकर एक साल तक की अवधि तक ही अपनी शिकायत बैंकिंग लोकपाल के पास दर्ज करा सकते हैं। ग्राहक अपनी शिकायत नियमित डाक के जरिये भी कर सकते हैं। बैंकिंग लोकपाल से शिकायत करने का एक निश्चित प्रारूप होता है, लेकिन ग्राहक अपनी शिकायत बहुत सरल [[भाषा]] में बगैर किसी फॉर्मेट का अनुकरण किए हुए कर सकते हैं। शिकायत दर्ज कराने के लिए किसी प्रकार का शुल्क अदा करने की जरूरत नहीं होती है।
किसी बैंक के ख़िलाफ़ बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कराने से पहले ग्राहक को संबंधित बैंक में लिखित शिकायत करानी होगी और उसके जवाब के लिए कम-से-कम 30 दिन इंतजार करना होगा। अगर ग्राहक को बैंक से कोई समाधान नहीं मिलता है, तब इन हालात में उसे यह याद रखना चाहिए कि संबद्ध बैंक में लिखित शिकायत कराने की तारीख से लेकर एक साल तक की अवधि तक ही अपनी शिकायत बैंकिंग लोकपाल के पास दर्ज करा सकते हैं। ग्राहक अपनी शिकायत नियमित डाक के जरिये भी कर सकते हैं। बैंकिंग लोकपाल से शिकायत करने का एक निश्चित प्रारूप होता है, लेकिन ग्राहक अपनी शिकायत बहुत सरल [[भाषा]] में बगैर किसी फॉर्मेट का अनुकरण किए हुए कर सकते हैं। शिकायत दर्ज कराने के लिए किसी प्रकार का शुल्क अदा करने की ज़रूरत नहीं होती है।


ग्राहक बैंकिंग लोकपाल में अपनी शिकायत ई-मेल के जरिये भी दर्ज करा सकते हैं। बैंकिंग लोकपाल ग्राहक की शिकायत पर तब विचार नहीं करेगा, जब उसने बैंक में शिकायत दर्ज कराने करने की तारीख के बाद एक साल से ज्यादा का समय गुजार दिया हो। अगर ग्राहक संबंधित बैंक में शिकायत दर्ज कराए बगैर ही बैंकिंग लोकपाल के पास अपनी शिकायत लेकर जाते हैं, तब आवेदन पर विचार नहीं किया जा सकता। अगर ग्राहक की शिकायत पर उपभोक्ता फोरम या उपभोक्ता न्यायालय आदि में विचार कर लिया गया है और समाधान दे दिया गया हो, तब भी ग्राहक के आवेदन को खारिज किया जा सकता है। बैंकिंग लोकपाल 10 लाख रुपये से कम की लागत के मौद्रिक मुद्दों पर अपना फैसला दे सकता है, लेकिन यदि ग्राहक की शिकायत में 10 लाख रुपये से ज्यादा का दावा बनता है, तब वह आपके आवेदन को खारिज कर सकता है।<ref>{{cite web |url=http://business.bhaskar.com/article/take-the-banking-ombudsman-for-banking-solutions-support-2431046.html |title=बैंकिंग समस्याओं की समाधान के लें बैंकिंग लोकपाल का सहारा|accessmonthday=11 मई|accessyear=2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
ग्राहक बैंकिंग लोकपाल में अपनी शिकायत ई-मेल के जरिये भी दर्ज करा सकते हैं। बैंकिंग लोकपाल ग्राहक की शिकायत पर तब विचार नहीं करेगा, जब उसने बैंक में शिकायत दर्ज कराने करने की तारीख के बाद एक साल से ज्यादा का समय गुजार दिया हो। अगर ग्राहक संबंधित बैंक में शिकायत दर्ज कराए बगैर ही बैंकिंग लोकपाल के पास अपनी शिकायत लेकर जाते हैं, तब आवेदन पर विचार नहीं किया जा सकता। अगर ग्राहक की शिकायत पर उपभोक्ता फोरम या उपभोक्ता न्यायालय आदि में विचार कर लिया गया है और समाधान दे दिया गया हो, तब भी ग्राहक के आवेदन को खारिज किया जा सकता है। बैंकिंग लोकपाल 10 लाख रुपये से कम की लागत के मौद्रिक मुद्दों पर अपना फैसला दे सकता है, लेकिन यदि ग्राहक की शिकायत में 10 लाख रुपये से ज्यादा का दावा बनता है, तब वह आपके आवेदन को खारिज कर सकता है।<ref>{{cite web |url=http://business.bhaskar.com/article/take-the-banking-ombudsman-for-banking-solutions-support-2431046.html |title=बैंकिंग समस्याओं की समाधान के लें बैंकिंग लोकपाल का सहारा|accessmonthday=11 मई|accessyear=2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
Line 18: Line 18:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{भारतीय बैंक}}
{{भारतीय अर्थव्यवस्था}}
[[Category:भारतीय_बैंक]][[Category:अर्थव्यवस्था]]
[[Category:भारतीय_बैंक]][[Category:अर्थव्यवस्था]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 10:48, 2 January 2018

बैंकिंग लोकपाल योजना बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली कतिपय सेवाओं से संबंधित शिकायतों के समाधान में सहायता प्रदान करने और इन शिकायतों के संतोषजनक हल अथवा निपटान करने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई है। इसके अन्तर्गत एक 'बैंकिंग लोकपाल' की नियुक्ति की जाती है, जो एक अर्ध-न्यायिक प्राधिकारी है। वैसे तो 'बैंकिंग लोकपाल योजना' 1995 में लागू की गई थी, लेकिन 2002 एवं 2006 में इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए संशोधन किए गए, ताकि बैंकों द्वारा स्वच्छ, पारदर्शी, भेदभाव रहित और जिम्मेदारी पूर्वक बैंकिंग सेवाएं प्रदान की जा सकें।

स्वशासी स्वतंत्र संस्था

यह एक स्वशासी स्वतंत्र संस्था है, जो बैंकों द्वारा प्रदान की गई सेवाओं की निगरानी रखती है। ग्राहक किसी भी बैंक के अधिकारी व कर्मचारी की शिकायत व समय से सेवाएं न मिलने पर बैंकिंग लोकपाल को शिकायत डाक, ई मेल, ऑनलाइन दर्ज करा सकता है। नि:शुल्क की जाने वाली इस शिकायत का निस्तारण तीस दिन के अंदर किया जाता है। ग्राहकों की सुविधा व बैंकों में पारदर्शिता लाने के लिए यह योजना संचालित है।

शिकायत दर्ज कराना

किसी बैंक के ख़िलाफ़ बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कराने से पहले ग्राहक को संबंधित बैंक में लिखित शिकायत करानी होगी और उसके जवाब के लिए कम-से-कम 30 दिन इंतजार करना होगा। अगर ग्राहक को बैंक से कोई समाधान नहीं मिलता है, तब इन हालात में उसे यह याद रखना चाहिए कि संबद्ध बैंक में लिखित शिकायत कराने की तारीख से लेकर एक साल तक की अवधि तक ही अपनी शिकायत बैंकिंग लोकपाल के पास दर्ज करा सकते हैं। ग्राहक अपनी शिकायत नियमित डाक के जरिये भी कर सकते हैं। बैंकिंग लोकपाल से शिकायत करने का एक निश्चित प्रारूप होता है, लेकिन ग्राहक अपनी शिकायत बहुत सरल भाषा में बगैर किसी फॉर्मेट का अनुकरण किए हुए कर सकते हैं। शिकायत दर्ज कराने के लिए किसी प्रकार का शुल्क अदा करने की ज़रूरत नहीं होती है।

ग्राहक बैंकिंग लोकपाल में अपनी शिकायत ई-मेल के जरिये भी दर्ज करा सकते हैं। बैंकिंग लोकपाल ग्राहक की शिकायत पर तब विचार नहीं करेगा, जब उसने बैंक में शिकायत दर्ज कराने करने की तारीख के बाद एक साल से ज्यादा का समय गुजार दिया हो। अगर ग्राहक संबंधित बैंक में शिकायत दर्ज कराए बगैर ही बैंकिंग लोकपाल के पास अपनी शिकायत लेकर जाते हैं, तब आवेदन पर विचार नहीं किया जा सकता। अगर ग्राहक की शिकायत पर उपभोक्ता फोरम या उपभोक्ता न्यायालय आदि में विचार कर लिया गया है और समाधान दे दिया गया हो, तब भी ग्राहक के आवेदन को खारिज किया जा सकता है। बैंकिंग लोकपाल 10 लाख रुपये से कम की लागत के मौद्रिक मुद्दों पर अपना फैसला दे सकता है, लेकिन यदि ग्राहक की शिकायत में 10 लाख रुपये से ज्यादा का दावा बनता है, तब वह आपके आवेदन को खारिज कर सकता है।[1]

शक्तियाँ और अधिकार क्षेत्र

  1. रिज़र्व बैंक योजना के खण्ड 4 के अन्तर्गत नियुक्त बैंकिंग लोकपाल के लिए क्षेत्र की सीमा निर्दिष्ट करेगा।
  2. बैंकिंग लोकपाल खण्ड 8 में उल्लिखित आधार पर दर्ज की गई बैंकिंग अथवा अन्य सेवाओं में कमियों से संबंधित शिकायतें प्राप्त करेगा तथा उन पर विचार करेगा और उनका संतोषजनक हल निकालेगा तथा संबंधित बैंक और पीड़ित पक्ष के बीच करार अथवा समायोजन तथा मध्यस्थता से निपटारा करेगा अथवा योजना के अनुरूप निर्णय देगा।
  3. बैंकिंग लोकपाल का अपने कार्यालय पर सामान्य अधीक्षण और नियंत्रण रहेगा तथा वहां संचालित कामकाज हेतु वह उत्तरदायी रहेगा।
  4. बैंकिंग लोकपाल रिज़र्व बैंक से परामर्श करते हुए अपने कार्यालय के लिए वार्षिक बजट तैयार करेगा तथा अनुमोदित बजट सीमा के भीतर ही भारतीय रिज़र्व बैंक व्यय नियमावली, 2005 के अनुसार अपनी व्यय संबंधी शक्तियों का प्रयोग करेगा।
  5. बैंकिंग लोकपाल , प्रत्येक 30 जून को रिज़र्व बैंक के गवर्नर को एक रिपोर्ट भेजेगा, जिसमें पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष के दौरान उसके कार्यालय की गतिविधियों की सामान्य समीक्षा के अतिरिक्त रिज़र्व बैंक द्वारा यथा-निर्दिष्ट अन्य जानकारी भी रहेगी। यदि रिज़र्व बैंक द्वारा जनहित में यह आवश्यक समझा जाए कि बैंकिंग लोकपाल से प्राप्त रिपोर्ट तथा सूचना को समेकित रूप में या अन्यथा प्रकाशित किया जाए, तो वह (भारतीय रिज़र्व बैंक) उसे प्रकशित करेगा।[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. बैंकिंग समस्याओं की समाधान के लें बैंकिंग लोकपाल का सहारा (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 11 मई, 2014।
  2. बैंकिंग लोकपाल योजना-2006 (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 11 मई, 2014।

संबंधित लेख