अंकलेश्वर: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
No edit summary |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
'''अंकलेश्वर''' [[गुजरात]] में स्थित है। भड़ौच से | '''अंकलेश्वर''' [[गुजरात]] में स्थित एक नगर है। भड़ौच से 5 मील {{मील|मील=5}} है। प्राचीन समय में [[नर्मदा नदी|नर्मदा]] अंकलेश्वर से बहती थी, अब तीन मील दूर हट गई है। कहा जाता है कि मांडव्य ऋषि और शांडिली जिनकी कथा [[महाभारत]] में है, इसी स्थान के निवासी थे। यह कथा [[महाभारत आदि पर्व]]<ref>[[आदि पर्व महाभारत|महाभारत आदि पर्व]] 106-107</ref> में वर्णित है जहाँ मांडव्याश्रम का उल्लेख इस प्रकार किया है- | ||
<poem>'बभूव ब्रह्मण: कश्चिन्मांडव्य इति विश्रुत:, धृतिमान सर्वधर्मज्ञ: सत्ये तपसि च स्थित:। | <blockquote><poem>'बभूव ब्रह्मण: कश्चिन्मांडव्य इति विश्रुत:, धृतिमान सर्वधर्मज्ञ: सत्ये तपसि च स्थित:। | ||
स आश्रमपद्दवारिवृक्षमूले महातपा:। | स आश्रमपद्दवारिवृक्षमूले महातपा:। | ||
'ऊर्ध्व बाहुर्महायोगी तस्यौ मौनवृतांवैत:।' | 'ऊर्ध्व बाहुर्महायोगी तस्यौ मौनवृतांवैत:।' </poem></blockquote> | ||
अंकलेश्वर में मांडव्येश्वर नामक प्राचीन शिवमंदिर है। | *अंकलेश्वर में मांडव्येश्वर नामक प्राचीन शिवमंदिर है। | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 01| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार | |||
<references/> | <references/> | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{गुजरात के | {{गुजरात के नगर}} | ||
[[Category:गुजरात]][[Category:गुजरात के | [[Category:गुजरात]][[Category:गुजरात के नगर]][[Category:भारत के नगर]] [[Category:ऐतिहासिक स्थानावली]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 08:05, 9 May 2018
अंकलेश्वर गुजरात में स्थित एक नगर है। भड़ौच से 5 मील (लगभग 8 कि.मी.) है। प्राचीन समय में नर्मदा अंकलेश्वर से बहती थी, अब तीन मील दूर हट गई है। कहा जाता है कि मांडव्य ऋषि और शांडिली जिनकी कथा महाभारत में है, इसी स्थान के निवासी थे। यह कथा महाभारत आदि पर्व[1] में वर्णित है जहाँ मांडव्याश्रम का उल्लेख इस प्रकार किया है-
'बभूव ब्रह्मण: कश्चिन्मांडव्य इति विश्रुत:, धृतिमान सर्वधर्मज्ञ: सत्ये तपसि च स्थित:।
स आश्रमपद्दवारिवृक्षमूले महातपा:।
'ऊर्ध्व बाहुर्महायोगी तस्यौ मौनवृतांवैत:।'
- अंकलेश्वर में मांडव्येश्वर नामक प्राचीन शिवमंदिर है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 01| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
- ↑ महाभारत आदि पर्व 106-107
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख