एकपर्वतक: Difference between revisions
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अर्थात् [[कृष्ण]], [[अर्जुन]] और [[भीम]] [[इंद्रप्रस्थ]] से गिरिव्रज ([[मगध]], [[बिहार]]) जाते समय गंडकी, महाशोण, सदानीरा एवं एकपर्वतक की सब नदियों को पार करते हुए आगे बढ़े। इससे, एकपर्वतक उस प्रदेश का नाम जान पड़ता है जिसमें उपर्युक्त नदिया बहती थीं, अर्थात् बिहार-[[उत्तर प्रदेश]] का सीमावर्ती भाग।<ref>गंडकी=[[गंडक नदी|गंडक]], महाशोण=[[सोन नदी|सोन]], सदानीरा=[[राप्ती नदी|राप्ती]]</ref> | अर्थात् [[कृष्ण]], [[अर्जुन]] और [[भीम]] [[इंद्रप्रस्थ]] से [[गिरिव्रज]] ([[मगध]], [[बिहार]]) जाते समय [[गंडकी नदी|गंडकी]], [[महाशोण]], [[सदानीरा]] एवं '''एकपर्वतक''' की सब नदियों को पार करते हुए आगे बढ़े। इससे, एकपर्वतक उस प्रदेश का नाम जान पड़ता है जिसमें उपर्युक्त नदिया बहती थीं, अर्थात् [[बिहार]]-[[उत्तर प्रदेश]] का सीमावर्ती भाग।<ref>गंडकी=[[गंडक नदी|गंडक]], महाशोण=[[सोन नदी|सोन]], सदानीरा=[[राप्ती नदी|राप्ती]]</ref> | ||
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*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 109| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार | |||
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Latest revision as of 10:30, 18 May 2018
'गंडकी च महाशोणं सदानीरां तथैव च,
एकपर्वतके नद्य: क्रमेणैत्याव्रजन्तते'।[1]
अर्थात् कृष्ण, अर्जुन और भीम इंद्रप्रस्थ से गिरिव्रज (मगध, बिहार) जाते समय गंडकी, महाशोण, सदानीरा एवं एकपर्वतक की सब नदियों को पार करते हुए आगे बढ़े। इससे, एकपर्वतक उस प्रदेश का नाम जान पड़ता है जिसमें उपर्युक्त नदिया बहती थीं, अर्थात् बिहार-उत्तर प्रदेश का सीमावर्ती भाग।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 109| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार