फ़्रांसिस्को पेलसार्ट: Difference between revisions
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*फ़्रांसिस्को पेलसार्ट ने उपमहाद्वीप के सम्पूर्ण उत्तरी और पश्चिमी भागों में उत्पादन और व्यापार से सम्बंधित महत्त्वपूर्ण स्थलों का भ्रमण किया। इन स्थलों की सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों का अत्यधिक रोचक वर्णन अपने यात्रा वृत्तांत में फ़ाँसिस्को पलसार्ट ने किया है। | |||
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- फ़्रांसिस्को पेलसार्ट को एक डच 'गुमाश्ता' (दलाल, प्रतिनिधि) के रूप में जाना जाता है। वह मुग़ल बादशह जहाँगीर के शासन काल में आगरा आया था। उसने भारत में मसुलीपट्टम से प्रवेश किया था।
- फ़्रांसिस्को पेलसार्ट ने उपमहाद्वीप के सम्पूर्ण उत्तरी और पश्चिमी भागों में उत्पादन और व्यापार से सम्बंधित महत्त्वपूर्ण स्थलों का भ्रमण किया। इन स्थलों की सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों का अत्यधिक रोचक वर्णन अपने यात्रा वृत्तांत में फ़ाँसिस्को पलसार्ट ने किया है।
- गुजरात के कपड़ों की किस्म का भी उल्लेख उसने किया है।
- पटना तथा बंगाल जैसे दूरस्थ स्थानों के कच्चे माल के आयात के बारे में भी उसने बताया है।
- पलसार्ट के विवरणानुसार, लाहौर एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र था। मुल्तान और थट्टा, वस्त्र उद्योग, चीनी, सल्फर और नील के लिए प्रसिद्ध थे।
- फ़ाँसिस्को पलसार्ट ने कश्मीर की भी यात्रा की थी।
- नील उत्पादन से सम्बंधित विशेष रूप से बयाना में नील के उत्पादन के विषय में जो बातें फ़्रांसिस्को पेलसार्ट ने लिखी हैं, वह किसी भी यूरोपीय यात्री के नील सम्बंधी विवरण में अद्वितीय है। उसके अनुसार बयाना में अत्यधिक मात्रा में नील उत्पादित किया जाता था, जिसका इस वस्तु पर एकाधिकार था। वह आगरा को प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ बताता है।
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