एस. दामोदरन (समाजिक कार्यकर्ता): Difference between revisions
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'''एस. दामोदरन''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''S. Damodaran | {{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व | ||
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|चित्र का नाम=राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द से पद्म श्री पाते एस. दामोदरन | |||
|पूरा नाम=एस. दामोदरन | |||
|अन्य नाम= | |||
|जन्म=[[12 मार्च]], [[1962]] | |||
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}}'''एस. दामोदरन''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''S. Damodaran'', जन्म- [[12 मार्च]], [[1962]]) भारतीय राज्य [[तमिलनाडु]] के प्रसिद्ध समाजिक कार्यकर्ता हैं। समाजिक कार्यों के प्रति उनकी लगन तथा योगदान को देखते हुए [[भारत सरकार]] ने उन्हें [[2022]] में [[पद्म श्री]] से सम्मानित किया है।<br /> | |||
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*एस. दामोदरन ने [[1984]] में कॉर्पोरेट सेक्रेटरीशिप में | *एस. दामोदरन ने [[1984]] में कॉर्पोरेट सेक्रेटरीशिप में बी.ए. की डिग्री ली, [[1986]] में एम.कॉम. की डिग्री और [[2011]] में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में एम.बी.ए. की डिग्री हासिल की। | ||
*वह तिरुचिरापल्ली स्थित | *वह [[तिरुचिरापल्ली]] स्थित एन.जी.ओ. 'ग्रामालय' के संस्थापक हैं। | ||
*सन [[1987]] में स्थापित 'ग्रामालय' शुरू में ग्रामीण लोगों के आर्थिक सुधार पर केंद्रित था। बाद में यह महसूस करते हुए कि अधिक जरूरी और तत्काल चिंता स्वच्छ पेयजल और शौचालय सुविधाओं की अनुपलब्धता है, एनजीओ ने अपना ध्यान पानी और स्वच्छता पर स्थानांतरित कर दिया। | *सन [[1987]] में स्थापित 'ग्रामालय' शुरू में ग्रामीण लोगों के आर्थिक सुधार पर केंद्रित था। बाद में यह महसूस करते हुए कि अधिक जरूरी और तत्काल चिंता स्वच्छ पेयजल और शौचालय सुविधाओं की अनुपलब्धता है, एनजीओ ने अपना ध्यान [[पानी]] और स्वच्छता पर स्थानांतरित कर दिया। | ||
*'ग्रामालय' का उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल शौचालय उपलब्ध कराकर खुले में शौच का उन्मूलन करना है। यह अब जलशक्ति मंत्रालय, भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण संसाधन केंद्र है। | *'ग्रामालय' का उद्देश्य [[पर्यावरण]] के अनुकूल शौचालय उपलब्ध कराकर खुले में शौच का उन्मूलन करना है। यह अब जलशक्ति मंत्रालय, भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण संसाधन केंद्र है। | ||
*एनजीओ सीएसआर पहल के तहत सरकार, दाताओं और कॉर्पोरेट समूहों के समर्थन से काम कर रहा है। | *एनजीओ सीएसआर पहल के तहत सरकार, दाताओं और कॉर्पोरेट समूहों के समर्थन से काम कर रहा है। | ||
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Latest revision as of 07:00, 5 July 2022
एस. दामोदरन (समाजिक कार्यकर्ता)
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पूरा नाम | एस. दामोदरन |
जन्म | 12 मार्च, 1962 |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | समाज सेवा |
शिक्षा | बीए, एमए, एमबीए |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म श्री, 2022 |
प्रसिद्धि | समाजिक संस्था 'ग्रामलय' के संस्थापक |
नागरिकता | भारतीय |
अद्यतन | 14:59, 5 जून 2022 (IST)
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एस. दामोदरन (अंग्रेज़ी: S. Damodaran, जन्म- 12 मार्च, 1962) भारतीय राज्य तमिलनाडु के प्रसिद्ध समाजिक कार्यकर्ता हैं। समाजिक कार्यों के प्रति उनकी लगन तथा योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 2022 में पद्म श्री से सम्मानित किया है।
- एस. दामोदरन ने 1984 में कॉर्पोरेट सेक्रेटरीशिप में बी.ए. की डिग्री ली, 1986 में एम.कॉम. की डिग्री और 2011 में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में एम.बी.ए. की डिग्री हासिल की।
- वह तिरुचिरापल्ली स्थित एन.जी.ओ. 'ग्रामालय' के संस्थापक हैं।
- सन 1987 में स्थापित 'ग्रामालय' शुरू में ग्रामीण लोगों के आर्थिक सुधार पर केंद्रित था। बाद में यह महसूस करते हुए कि अधिक जरूरी और तत्काल चिंता स्वच्छ पेयजल और शौचालय सुविधाओं की अनुपलब्धता है, एनजीओ ने अपना ध्यान पानी और स्वच्छता पर स्थानांतरित कर दिया।
- 'ग्रामालय' का उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल शौचालय उपलब्ध कराकर खुले में शौच का उन्मूलन करना है। यह अब जलशक्ति मंत्रालय, भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण संसाधन केंद्र है।
- एनजीओ सीएसआर पहल के तहत सरकार, दाताओं और कॉर्पोरेट समूहों के समर्थन से काम कर रहा है।
- 'ग्रामालय' के प्रयासों से ही 2003 में तिरुचि के थंडावमपट्टी गांव को भारत के पहले खुले में शौच मुक्त गांव में बदलने में मदद मिली।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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