वाइपर द्वीप: Difference between revisions

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'''वाइपर द्वीप''' [[अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह]] में स्थित है। [[ब्रिटिश शासन]] में ग़ुलाम [[भारत]] से लाए गए बंदियों को [[पोर्ट ब्लेयर]] के पास वाइपर द्वीप में उतारा जाता था। अब यह  पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो गया है। [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने यहाँ क़ैदियों के लिए पहले जेल का निर्माण किया था और सैल्युलर जेल के निर्माण के बाद इसे छोड़ दिया गया। इस पहाड़ी की चोटी पर एक फाँसी घर भी है, जहॉं पर परित्यक्त क़ैदियों को फाँसी दी जाती थी। [[शेरअली]], जिन्होंने [[1872]] में [[भारत]] के [[वाइसराय]] [[लॉर्ड मेयो]] की हत्या की थी, यहीं पर फाँसी दी गई।
==नामकरण==
==नामकरण==
वाइपर द्वीप का नामकरण उस जहाज के नाम पर पड़ा, जिसमें सवार होकर ''ले. आर्किबेल्ड ब्लेयर'' यहाँ पर अंडमान में [[नौसेना]] की बुनियाद स्थापित करने की खोज में आया था। माना जाता है कि यह जहाज इसी द्वीप के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे इसका नामकरण उसी जहाज के नाम पर कर दिया गया।
वाइपर द्वीप का नामकरण उस जहाज़ के नाम पर पड़ा, जिसमें सवार होकर ''ले. आर्किबेल्ड ब्लेयर'' यहाँ पर अंडमान में [[नौसेना]] की बुनियाद स्थापित करने की खोज में आया था। माना जाता है कि यह जहाज़ इसी [[द्वीप]] के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे इसका नामकरण उसी जहाज़ के नाम पर कर दिया गया।
==फांसी घर==
==फाँसी घर==
यहाँ के खंडित फांसी के फंदे निर्मम अतीत के साक्षी बनकर खड़े हैं। यहाँ इस द्वीप पर सबसे पहली [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] द्वारा बनाई गई जेल थी। इसके ऊपर पहाड़ी पर तब ही का बना फांसी घर भी है। यहीं पर शेर अली को भी फांसी दी गई थी, जिसने 1872 में भारत के [[गवर्नर जनरल]] [[लॉर्ड मेयो]] की हत्या की थी। दिलचस्प बात है कि अंग्रेज़ों द्वारा बनाई गई सबसे पहली जेल के [[अवशेष]] अभी भी यहाँ मौजूद हैं।  
यहाँ के खंडित फाँसी के फंदे निर्मम अतीत के साक्षी बनकर खड़े हैं। यहाँ इस द्वीप पर सबसे पहली [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] द्वारा बनाई गई जेल थी। इसके ऊपर पहाड़ी पर तब ही का बना फाँसी घर भी है। यहीं पर शेरअली को भी फाँसी दी गई थी, जिसने 1872 में भारत के [[गवर्नर जनरल]] [[लॉर्ड मेयो]] की हत्या की थी। दिलचस्प बात है कि अंग्रेज़ों द्वारा बनाई गई सबसे पहली जेल के [[अवशेष]] अभी भी यहाँ मौजूद हैं।  


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Latest revision as of 06:22, 13 August 2012

[[चित्र:Viper-Island.png|thumb|250px|वाइपर द्वीप, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह]] वाइपर द्वीप अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में स्थित है। ब्रिटिश शासन में ग़ुलाम भारत से लाए गए बंदियों को पोर्ट ब्लेयर के पास वाइपर द्वीप में उतारा जाता था। अब यह पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो गया है। अंग्रेज़ों ने यहाँ क़ैदियों के लिए पहले जेल का निर्माण किया था और सैल्युलर जेल के निर्माण के बाद इसे छोड़ दिया गया। इस पहाड़ी की चोटी पर एक फाँसी घर भी है, जहॉं पर परित्यक्त क़ैदियों को फाँसी दी जाती थी। शेरअली, जिन्होंने 1872 में भारत के वाइसराय लॉर्ड मेयो की हत्या की थी, यहीं पर फाँसी दी गई।

नामकरण

वाइपर द्वीप का नामकरण उस जहाज़ के नाम पर पड़ा, जिसमें सवार होकर ले. आर्किबेल्ड ब्लेयर यहाँ पर अंडमान में नौसेना की बुनियाद स्थापित करने की खोज में आया था। माना जाता है कि यह जहाज़ इसी द्वीप के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे इसका नामकरण उसी जहाज़ के नाम पर कर दिया गया।

फाँसी घर

यहाँ के खंडित फाँसी के फंदे निर्मम अतीत के साक्षी बनकर खड़े हैं। यहाँ इस द्वीप पर सबसे पहली अंग्रेज़ों द्वारा बनाई गई जेल थी। इसके ऊपर पहाड़ी पर तब ही का बना फाँसी घर भी है। यहीं पर शेरअली को भी फाँसी दी गई थी, जिसने 1872 में भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड मेयो की हत्या की थी। दिलचस्प बात है कि अंग्रेज़ों द्वारा बनाई गई सबसे पहली जेल के अवशेष अभी भी यहाँ मौजूद हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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