गौडपाद भाष्य: Difference between revisions
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*परमार्थ कृत चीनी भाषा में टीका, [[सांख्यवृत्ति]], [[सांख्य सप्ततिवृत्ति]] तथा [[माठर वृत्ति]] से इसका पर्याप्त साम्य है। | *परमार्थ कृत चीनी भाषा में [[टीका]], [[सांख्यवृत्ति]], [[सांख्य सप्ततिवृत्ति]] तथा [[माठर वृत्ति]] से इसका पर्याप्त साम्य है। | ||
*विशेषकर [[सुवर्णसप्तति शास्त्र]] (चीनी टीका का संस्कृत रूपांतर) के सप्ततत्त्वात्मक सूक्ष्म शरीर की मान्यता के समान आठ तत्त्वों के शरीर की चर्चा मात्र गौडपाद भाष्य में ही उपलब्ध है। | *विशेषकर [[सुवर्णसप्तति शास्त्र]] (चीनी टीका का संस्कृत रूपांतर) के सप्ततत्त्वात्मक सूक्ष्म शरीर की मान्यता के समान आठ तत्त्वों के शरीर की चर्चा मात्र गौडपाद भाष्य में ही उपलब्ध है। | ||
*गौडपाद भाष्य केवल 69 कारिकाओं पर ही उपलब्ध है। | *गौडपाद भाष्य केवल 69 कारिकाओं पर ही उपलब्ध है। | ||
*सांख्यकारिका तथा माण्डूक्यकारिका के भाष्यकार एक ही गौडपाद है या भिन्न, यह भी असंदिग्धत: नहीं कहा जा सकता। | *सांख्यकारिका तथा माण्डूक्यकारिका के भाष्यकार एक ही गौडपाद है या भिन्न, यह भी असंदिग्धत: नहीं कहा जा सकता। | ||
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Latest revision as of 06:32, 20 December 2012
- सांख्यकारिकाओं की टीकाओं में संभवत: भाष्य नाम से यही ग्रंथ उपलब्ध है।
- परमार्थ कृत चीनी भाषा में टीका, सांख्यवृत्ति, सांख्य सप्ततिवृत्ति तथा माठर वृत्ति से इसका पर्याप्त साम्य है।
- विशेषकर सुवर्णसप्तति शास्त्र (चीनी टीका का संस्कृत रूपांतर) के सप्ततत्त्वात्मक सूक्ष्म शरीर की मान्यता के समान आठ तत्त्वों के शरीर की चर्चा मात्र गौडपाद भाष्य में ही उपलब्ध है।
- गौडपाद भाष्य केवल 69 कारिकाओं पर ही उपलब्ध है।
- सांख्यकारिका तथा माण्डूक्यकारिका के भाष्यकार एक ही गौडपाद है या भिन्न, यह भी असंदिग्धत: नहीं कहा जा सकता।
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