पंच सागर शक्तिपीठ: Difference between revisions
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|वर्णन=पंच सागर शक्तिपीठ [[भारत|भारतवर्ष]] के अज्ञात 108 एवं ज्ञात [[शक्तिपीठ|51 शक्तिपीठों]] में से एक है। इसका [[हिन्दू धर्म]] में बड़ा ही महत्त्व है। | |||
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|देवी-देवता=शक्ति- 'वाराही' और शिव- 'महारुद्र' | |||
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|संबंधित लेख=[[शक्तिपीठ]], [[सती]], [[शिव]], [[पार्वती]] | |||
|शीर्षक 1=धार्मिक मान्यता | |||
|पाठ 1= [[सती]] के "अधोदन्त (नीचे के दाँत)" गिरे थे। | |||
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*यहाँ सती 'वाराही' तथा [[शिव]] 'महारुद्र' हैं। | *यहाँ सती 'वाराही' तथा [[शिव]] 'महारुद्र' हैं। |
Latest revision as of 11:16, 30 September 2014
पंच सागर शक्तिपीठ
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वर्णन | पंच सागर शक्तिपीठ भारतवर्ष के अज्ञात 108 एवं ज्ञात 51 शक्तिपीठों में से एक है। इसका हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है। |
स्थान | वाराणसी, उत्तर प्रदेश[1] |
देवी-देवता | शक्ति- 'वाराही' और शिव- 'महारुद्र' |
संबंधित लेख | शक्तिपीठ, सती, शिव, पार्वती |
धार्मिक मान्यता | सती के "अधोदन्त (नीचे के दाँत)" गिरे थे। |
पंच सागर शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।
- यह शक्तिपीठ का उत्तर प्रदेश के वाराणसी नगर में स्थित है।
- पंच सागर शक्तिपीठ में सती के "अधोदन्त (नीचे के दाँत)" गिरे थे।
- यहाँ सती 'वाराही' तथा शिव 'महारुद्र' हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ Panchasaagar (अंग्रेज़ी) चरणामृत। अभिगमन तिथि: 30 सितम्बर, 2014।