कलिंग: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 9: | Line 9: | ||
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार= | |आधार= | ||
|प्रारम्भिक= | |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 | ||
|माध्यमिक= | |माध्यमिक= | ||
|पूर्णता= | |पूर्णता= |
Revision as of 14:52, 14 January 2011
- वर्तमान उड़ीसा राज्य प्राचीन काल में कलिंग के नाम से प्रसिद्ध था।
- पहले यह नंदवंश के शासक महापद्मनंद के साम्राज्य का एक अंग था। कुछ समय के लिए मगध साम्राज्य से अलग हो गया था, परंतु अशोक ने गद्दी पर बैंठने के आठवें वर्ष इसे पुन: जीत लिया। इस युद्ध में कलिंगवासियों ने अशोक की सेना का असाधारण प्रतिरोध किया।
- कलिंग के एक लाख व्यक्ति मारे गए, डेढ़ लाख बंदी बनाए गए और इससे कहीं अधिक संख्या में , युद्ध से हुए विनाश के कारण, बाद में मर गए।
- इसी विनाश को देखकर अशोक युद्ध के बदले धर्म-विजय की ओर प्रवृत्त हुआ था।
- धौलगिरि नामक स्थान पर जहां अशोक की सेना का शिविर था और बाद में जहां उसने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी, अब एक आकर्षक स्तूप, मंदिर और शिलालेख विद्यमान हैं।
- आगे की शताब्दियों में कलिंग ने अनेक परिवर्तन देखे। कभी खारवेल यहाँ के शासक बने तो कभी यह गुप्त साम्राज्य में मिला।
- 6वीं-7वीं शताब्दी में थोड़े समय के लिए यहाँ की सत्ता हर्षवर्धन के हाथों में भी रही।
- अनन्तवर्मा चोडगंग जो पूर्वी गंग वंश का प्रमुख राजा था। उसने कलिंग पर 71 वर्ष (1076-1147 ई.) तक राज्य किया।
|
|
|
|
|