त्रिपुरा की अर्थव्यवस्था: Difference between revisions
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पहाड़ी स्थलाकृति के कारण यहाँ संचार में कठिनाई आती है। तीन ओर से (839 किलोमीटर) [[बांग्लादेश]] से घिरे होने के कारण त्रिपुरा शेष [[भारत]] से लगभग कटा हुआ है। अगरतला-करीमगंज ([[असम]]) सड़क (3,666 किलोमीटर) एकमात्र भू-मार्ग है और धर्मनगर से [[असम]] के कलकली घाट तक मीटर गेज़ रेलवे लाइन (45 किलोमीटर) है। यहाँ की अधिकांश नदियों में नावें चलती हैं, लेकिन इनका उपयोग स्थानीय परिवहन के लिए ही होता है। अगरतला कोलकाता (पश्चिम बंगाल) और असम के विभिन्न नगरों से वायु मार्ग द्वारा जुड़ा है। राज्य के भीतर भी [[वायुसेना]] उपलब्ध है। | पहाड़ी स्थलाकृति के कारण यहाँ संचार में कठिनाई आती है। तीन ओर से (839 किलोमीटर) [[बांग्लादेश]] से घिरे होने के कारण त्रिपुरा शेष [[भारत]] से लगभग कटा हुआ है। अगरतला-करीमगंज ([[असम]]) सड़क (3,666 किलोमीटर) एकमात्र भू-मार्ग है और धर्मनगर से [[असम]] के कलकली घाट तक मीटर गेज़ रेलवे लाइन (45 किलोमीटर) है। यहाँ की अधिकांश नदियों में नावें चलती हैं, लेकिन इनका उपयोग स्थानीय परिवहन के लिए ही होता है। अगरतला कोलकाता (पश्चिम बंगाल) और असम के विभिन्न नगरों से वायु मार्ग द्वारा जुड़ा है। राज्य के भीतर भी [[वायुसेना]] उपलब्ध है। |
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त्रिपुरा की अर्थव्यवस्था प्राथमिक रूप से कृषि पर आधारित है। मुख्य फ़सल चावल है। (कृषि उत्पादन का 46.16 प्रतिशत) और पूरे राज्य में इसकी खेती होती है। नक़दी फ़सलों मे जूट (जिसका इस्तेमाल बोरी, टाट और सुतली बनाने में होता है), कपास चाय, गन्ना, मेस्ता और फल शामिल हैं। राज्य की कृषि में पशुपालन की सहायक भूमिका है। वनोपज आधारित उद्योग इमारती लकड़ी ईंधन और लकड़ी के कोयले का उत्पादन करते है। 1994 में चाय का उत्पादन 35,55,593 किलोग्राम था।
संचार
पहाड़ी स्थलाकृति के कारण यहाँ संचार में कठिनाई आती है। तीन ओर से (839 किलोमीटर) बांग्लादेश से घिरे होने के कारण त्रिपुरा शेष भारत से लगभग कटा हुआ है। अगरतला-करीमगंज (असम) सड़क (3,666 किलोमीटर) एकमात्र भू-मार्ग है और धर्मनगर से असम के कलकली घाट तक मीटर गेज़ रेलवे लाइन (45 किलोमीटर) है। यहाँ की अधिकांश नदियों में नावें चलती हैं, लेकिन इनका उपयोग स्थानीय परिवहन के लिए ही होता है। अगरतला कोलकाता (पश्चिम बंगाल) और असम के विभिन्न नगरों से वायु मार्ग द्वारा जुड़ा है। राज्य के भीतर भी वायुसेना उपलब्ध है।
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