जयंती शक्तिपीठ: Difference between revisions

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Revision as of 07:44, 14 February 2012

हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आया। ये अत्यंत पावन तीर्थ कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है। जयंती, 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ है।

  • भारत के पूर्वीय भाग में स्थित मेघालय एक पर्वतीय राज्य है और गारी, खासी, जयंतिया यहाँ की मुख्य पहाड़ियाँ हैं।
  • सम्पूर्ण मेघालय पर्वतो का प्रान्त है।
  • यहाँ की जयंतिया पहाड़ी पर ही 'जयंती शक्तिपीठ' है, जहाँ सती के "वाम जंघ" का निपात हुआ था।
  • यह शक्तिपीठ शिलांग से 53 कि.मी. दूर जयंतिया पर्वत के बाउर भाग ग्राम में स्थित है।
  • यहाँ की सति 'जयंती' तथा शिव 'क्रमदीश्वर' हैं।
  • शिलांग रेलमार्ग से नहीं जुड़ा है, अत: निकटस्थ रेलवे स्टेशन गोलपारा टाउन है या लुमडिंग है, जहाँ से यात्रा सड़क मार्ग से की जा सकती है।


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