अमीन: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 9: | Line 9: | ||
*अमीन ग्राम के निकट ही 'कर्णवेध' नामक एक खाई है। | *अमीन ग्राम के निकट ही 'कर्णवेध' नामक एक खाई है। | ||
*ऐसी मान्यता है कि इसी स्थान पर [[कर्ण]] को [[अर्जुन]] ने मारा था। | *ऐसी मान्यता है कि इसी स्थान पर [[कर्ण]] को [[अर्जुन]] ने मारा था। | ||
*[[जयद्रथ]] के मारे जाने का स्थान 'जयधर' भी अमीन गाँव के निकट ही है। | *[[जयद्रथ]] के मारे जाने का स्थान '[[जयधर]]' भी अमीन गाँव के निकट ही है। | ||
{{ | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
Line 19: | Line 19: | ||
[[Category:पंजाब]][[Category:पंजाब_के_ऐतिहासिक_स्थान]] | [[Category:पंजाब]][[Category:पंजाब_के_ऐतिहासिक_स्थान]] | ||
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] | [[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 09:41, 9 September 2012
चित्र:Disamb2.jpg अमीन | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- अमीन (बहुविकल्पी) |
अमीन पंजाब राज्य के थानेसर से लगभग 5 मील दिल्ली-अम्बाला रेलमार्ग पर कुरुक्षेत्र प्रदेश में स्थित है। कहा जाता है कि महाभारत युद्ध के समय द्रोणाचार्य ने चक्रव्यूह की रचना इसी स्थान पर की थी, और अभिमन्यु ने इसी को तोड़ते समय वीरगति प्राप्त की थी। अभिमन्यु-वध का वर्णन महाभारत द्रोण पर्व[1] में इस प्रकार से आया है-
उत्तिष्ठमानं सौभद्रं गदया मूर्ध्न्यताडयत्।
गदावेगेन महता व्यायामेन च मोहित:।
विचेता न्यवतद् भूमौ सौभद्र: परवीरहा।
एवं विनिहतों: राजन्नेको बहुभिराहवे।[2]
- अमीन शब्द को अभिमन्यु के नाम से संबंधित कहा जाता है।
- अमीन ग्राम के निकट ही 'कर्णवेध' नामक एक खाई है।
- ऐसी मान्यता है कि इसी स्थान पर कर्ण को अर्जुन ने मारा था।
- जयद्रथ के मारे जाने का स्थान 'जयधर' भी अमीन गाँव के निकट ही है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत द्रोण पर्व 49
- ↑ महाभारत द्रोण पर्व 49, 13-14