महाराणा राजसिंह: Difference between revisions
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Latest revision as of 06:14, 7 January 2013
महाराणा राजसिंह (1652 - 1680 ई.) - मेवाड़ के राणा थे। यह मेवाड़ के उत्थान का काल था। राणा राजसिंह ने औरंगजेब से कई बार लोहा लेकर युद्ध में मात दी। इनका शौर्य पराक्रम और स्वाभिमान महाराणा प्रताप जैसे था। इनको राजस्थान के राजपूतों का एक गठबंधन, राजनीतिक एवं सामाजिक स्तर पर बनाने में सफलता अर्जित हुई। जिससे मुग़ल संगठन से लोहा लिया जा सके। महाराणा के प्रयास से अंबेर, मारवाड़ और मेवाड़ में गठबंधन बन गया। राणा राजसिंह मानते थे कि बिना सामाजिक गठबंधन के राजनीतिक गठबंधन अपूर्ण और अधूरा रहेगा। अतः इन्होंने मारवाड़ और आमेर से खानपान एवं वैवाहिक संबंध जोड़ने का निर्णय ले लिया। हालांकि महाराणा प्रताप के कट्टर समर्थकों इसका प्रबल विरोध कर दिया जिसे दबाने के लिये सिन्धिया नरेश ग्वालियर ने मदद किया। जिसके बदले मेवाड़ का बडा भू-भाग सिंधिया ने हथिया लिया।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ सिसोदिया राजवंश एवं मेवाड़ (हिंदी) अंतर्राष्ट्रीय क्षत्रिय महासभा। अभिगमन तिथि: 6 जनवरी, 2013।
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