अर्बुदा देवी मन्दिर: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}}" to "{{राजस्थान}}") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "{{राजस्थान}}" to "{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}}") |
||
Line 11: | Line 11: | ||
==सम्बंधित लिंक== | ==सम्बंधित लिंक== | ||
{{राजस्थान}} | {{राजस्थान के पर्यटन स्थल}} | ||
[[Category:राजस्थान]] | [[Category:राजस्थान]] | ||
[[Category:राजस्थान_के_पर्यटन_स्थल]] | [[Category:राजस्थान_के_पर्यटन_स्थल]] |
Revision as of 09:32, 23 June 2010
माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है। माउंट आबू में अनेक पर्यटन स्थल हैं। इनमें कुछ शहर से दूर हैं तो कुछ शहर के आसपास ही हैं।
- अर्बुदा-देवी का मन्दिर यहीं पहाड़ के ऊपर है।
- जैन ग्रन्थ विविधतीर्थकल्प के अनुसार आबूपर्वत की तलहटी में अर्बुद नामक नाग का निवास था, इसी के कारण यह पहाड़ आबू कहलाया।
- इसका पुराना नाम नंदिवर्धन था।
- पहाड़ के पास मन्दाकिनी नदी बहती है और श्रीमाता अचलेश्वर और वशिष्ठाश्रम तीर्थ हैं अर्बुद-गिरि पर परमार नरेशों ने राज्य किया था जिनकी राजधानी चंद्रावती में थी।
इस जैन ग्रन्थ के अनुसार विमल नामक सेनापति ने ऋषभदेव की पीतल की मूर्ति सहित यहाँ एक चैत्यबनवाया था और 1088 वि0 सं0 में उसने विमल-वसति नामक एक मंदिर बनवायां 1288 वि0 सं0 में राजा के मुख्य मंत्री ने नेमि का मंदिर- लूणिगवसति बनवाया। 1243 वि0 सं0 में चंडसिंह के पुत्र पीठपद और महनसिंह के पुत्र लल्ल ने तेजपाल द्वारा निर्मित मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। इसी मूर्ति के लिए चालुक्यवंशी कुमारपाल भूपति ने श्रीवीर का मन्दिर बनवाया था। अर्बुद का उल्लेख एक अन्य जैन ग्रन्थ तीर्थमाला चैत्यवन्दन में भी मिलता है-
कोडीनारकमंत्रिदाहड़पुरेश्रीमंडपे चार्बुदे'।