राजस्थान के लोकदेवता: Difference between revisions

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राजस्थान में रामदेवजी को बहुत अधिक पूजा जाता है। यह रुणिचा, नवलगढ़ में स्थित है। गरीबों के रखवाले रामदेव जी का अवतार ही भक्तों के संकट हरने के लिए ही हुआ था। राजस्थान में जोतपुर के पास रामदेवरा नामक स्थान है। जहाँ प्रतिवर्ष रामदेव जंयती पर विशाल मेला लगता है। दूर-दूर से भक्त इस दिन रामदेवरा पहुँचते है। कई लोग तो नंगे पैर चलकर रामदेवरा जाते है।  
राजस्थान में रामदेवजी को बहुत अधिक पूजा जाता है। यह रुणिचा, नवलगढ़ में स्थित है। गरीबों के रखवाले रामदेव जी का अवतार ही भक्तों के संकट हरने के लिए ही हुआ था। राजस्थान में जोतपुर के पास रामदेवरा नामक स्थान है। जहाँ प्रतिवर्ष रामदेव जंयती पर विशाल मेला लगता है। दूर-दूर से भक्त इस दिन रामदेवरा पहुँचते है। कई लोग तो नंगे पैर चलकर रामदेवरा जाते है।  
==जाम्भोजी==
==जाम्भोजी==
जाम्भोजी का जन्म नागौर जिले के पीपासर ग्राम मे विक्रम सम्वत 1508 में हुआ था। यह सुरापुर, जांगला में स्थित है।
जाम्भोजी का जन्म नागौर ज़िले के पीपासर ग्राम मे विक्रम सम्वत 1508 में हुआ था। यह सुरापुर, जांगला में स्थित है।
==गोगाजी==
==गोगाजी==
एकता व सांप्रदायिक सद़भावना का प्रतीक धार्मिक पर्व गोगामेडी (राजस्थान) में गोगाजी की समाधि स्थल पर मेला लाखों भक्तों के आकर्षण का केंद्र है।  
एकता व सांप्रदायिक सद़भावना का प्रतीक धार्मिक पर्व गोगामेडी (राजस्थान) में गोगाजी की समाधि स्थल पर मेला लाखों भक्तों के आकर्षण का केंद्र है।  

Revision as of 13:53, 1 November 2014

राजस्थान भारत का एक प्रान्त है। यहाँ की राजधानी जयपुर है। राजस्थान भारत गणराज्य के क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। यहाँ के लोकदेवता निम्नलिखित हैं-

रामदेवजी

राजस्थान में रामदेवजी को बहुत अधिक पूजा जाता है। यह रुणिचा, नवलगढ़ में स्थित है। गरीबों के रखवाले रामदेव जी का अवतार ही भक्तों के संकट हरने के लिए ही हुआ था। राजस्थान में जोतपुर के पास रामदेवरा नामक स्थान है। जहाँ प्रतिवर्ष रामदेव जंयती पर विशाल मेला लगता है। दूर-दूर से भक्त इस दिन रामदेवरा पहुँचते है। कई लोग तो नंगे पैर चलकर रामदेवरा जाते है।

जाम्भोजी

जाम्भोजी का जन्म नागौर ज़िले के पीपासर ग्राम मे विक्रम सम्वत 1508 में हुआ था। यह सुरापुर, जांगला में स्थित है।

गोगाजी

एकता व सांप्रदायिक सद़भावना का प्रतीक धार्मिक पर्व गोगामेडी (राजस्थान) में गोगाजी की समाधि स्थल पर मेला लाखों भक्तों के आकर्षण का केंद्र है।

जीणमाता

जयपुर बीकानेर मार्ग पर सीकर से 11 कि.मी. दूर गोरिया से जीण माता मंदिर केलिए मार्ग है।

शाकम्भरी माता

शाकम्भरी माता सांभर में स्थित है।

सीमल माता

सीमल माता बसंतगढ़, सिरोही में स्थित है।

हर्षनाथ जी

हर्षनाथ जी सीकर में स्थित है।

केसरिया जी

धुवेल (उदयपुर) में स्थित है।

मल्लीनाथ जी

मल्लीनाथ जी तिलवाडा में स्थित है।

शिला देवी

शिला देवीआमेर में स्थित है।

कैला देवी

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य

करौली में स्थित है।

ज्वाला देवी

ज्वाला देवी, जोबनेर में स्थित है।

कल्ला देवी

कल्ला देवी सिवाना में स्थित है।

तेजा जी

तेजा जी परबतसर, मोठपुर में स्थित है।

पाबूजी

पाबूजी कोलुमंड में स्थित है।

खैरतल जी

खैरतल जी अलवर में स्थित है।

करणी माता

करणी माता देशनोक (बीकानेर) में स्थित है।


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