बेंगळूरू: Difference between revisions

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Revision as of 04:42, 6 August 2010

[[चित्र:Bangalore-Palace.jpg|thumb|200px|बंगलोर पैलेस, बंगलोर
Bangalore Palace, Bangalore]] बंगलोर कर्नाटक ( भूतपूर्व मैसूर ) राज्य का 1830 से शहर और राजधानी है। बंगलोर भारत का सातवाँ सबसे बड़ा शहर है। समुद्र तल से 949 मीटर की ऊँचाई पर कर्नाटक पठार की पूर्वी-पश्चिमी श्रृंखला सीमा पर स्थित यह शहर राज्य के दक्षिण पूर्वी भाग में है। शरद एवं ग्रीष्म ॠतु में खुशगवार मौसम के कारण निवास के लिए लोकप्रिय स्थान है, लेकिन यहाँ की बढ़ती औद्योगिक और घरेलू ज़रूरतों के लिये जल आपूर्ति एक समस्या है। यहाँ 910 मिमी वार्षिक वर्षा होती है। बंगलोर कन्नड़, तेलगु और तमिल भाषी लोग के सांस्कृतिक संगम का बिंदू है।

यातायात और परिवहन

दक्षिणी भारत के सड़क तंत्र के केंद्र में स्थित बंगलोर, वाराणसी-कन्याकुमारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर है। यह मुंबई ( भूतपूर्व बंबई ), चेन्नई ( भूतपूर्व मद्रास ) से मुख्य सड़कों और केरल से नीलगिरी ( पहाड़ियों ) व पालघाट दर्रे के बीच से होते हुए मैसूर शहर के रास्ते जुड़े है। उत्तर और पश्चिम में एक गहन मीटर गेज प्रणाली के साथ-साथ यह दक्षिणी रेलवे की चौड़ी गेज लाइन ( चेन्नई से ) का भी जंक्शन है। शहर के पूर्व में आठ किमी की दूरी पर स्थित हवाई अड्डे से मुंबई, चेन्नई, मंगलोर और कोलंबो ( श्रीलंका ) के लिए नियमित उड़ानों की व्यवस्था है।

कृषि और खनिज

आसपास के क्षेत्र में कावेरी में कावेरी की सहायक अर्कावती और नदियां बहती हैं बाजरा व तिलहन प्रमुख फ़सलें हैं तथा मवेशी व भेड़पालन भी होता है।

उद्योग और व्यापार

शहर के विमान रेल के डिब्बे और मशीनी कलपुर्ज़े निर्मित करने वाले अधिष्ठान केंद्र सरकार द्वारा चलाए जाते हैं और विद्युत टेलीफ़ोन उद्योग और चीनी मिट्टी और साबुन के कारखाने राज्य सरकार के नियंत्रण में हैं। दवा वस्त्र रेडियो के पुर्ज़े, घड़ियाँ, काँच का सामान, चमड़ा, जूते-चप्पल, कृषि उपकरण और काग़ज़ निज़ी उद्योगों द्वारा बनाए जाते हैं।

शिक्षण संस्थान

यहाँ पर बंगलोर विश्वविद्यालय ( 1916 में स्थापित मैसूर विश्वविद्यालय की एक शाखा ) और कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय 1964 में खोला गया था। शहर में कई सायंकालीन महाविद्यालय , सार्वजनिक पुस्तकालय और भारतीय विज्ञान संस्थान (1909), रमन शोध संस्थान (1943), राष्ट्रीय शोध प्रयोगशाला (1960) तथा राष्ट्रीय ऊर्जा शोध संस्थान का एक विभाग (1960) है। इनके अलावा बंगलोर में ज्ञान भारती विश्वविद्यालय, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, नेशनल लॉ स्कूल ऑफ़ इंडिया यूनिवर्सिटी, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ ऐंड न्यूरो साइंसेज़, राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज़, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफ़ोर्मेशन टेक्नोलॉजी, विश्वेश्वरैया कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, बी॰एम॰एस॰ कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग तथा अन्य कई मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। बंगलोर एक प्रकाशन ( समाचार पत्र-पत्रिका ) केंद्र भी है और यहां क्षेत्रीय रेडियो प्रसारण केंद्र का मुख्यालय है।

जनसंख्या

बंगलोर शहर की जनसंख्या (2001) 65,23,110; और ग्रामीण की जनसंख्या 18,77,416 है।

पर्यटन

इस शहर के पुराने भाग में सघन इमारतें हैं, साथ ही आधुनिक उपनगर है, जिन्हें उत्तर तथा दक्षिण में जालीदार नमूने के अनुसार बनाया गया है। जहाँ विभिन्न पार्क और चौड़ी गलियाँ हैं। पूर्वी हिस्से में कई सैन्य छावनियाँ हैं। मिट्टि के दुर्ग के चारों ओर बसी आबादी शहर का केंद्र थी, इस दुर्ग का निर्माण ( 1537 में ) एक स्थानिय सरदार केम्पेगौड़ा ने किया था, जिसका निर्माण 1761 में पत्थरों से किया गया। 1831 से 1881 तक बंगलोर ब्रिटिश प्रशासन का मुख्यालय रहा। राजा को शहर पुन: सौप दिए जाने के बाद भी यहाँ 1947 तक ब्रिटेन का प्रशासनिक और सैन्य अधिकार रहा।

दर्शनीय स्थलों में 500 एकड़ में फैला कब्बन पार्क, जिसमें भारत के सबसे पुराने संग्रहालयों में से एक ( 1886 ) जैसे कई महत्त्वपूर्ण भवन स्थित हैं; विश्वेश्वरैया औद्योगिक तथा प्रौद्योगिकीय संग्रहालय; विश्वेश्वरैया इंडस्ट्रियल ट्रेड सेंटर ; के वेंकटप्पा आर्ट गैलरी; शेषाद्रि अय्यर मेमोरियल हॉल, जिसमें सार्वजनिक पुस्तकालय भी है; उच्च न्यायालय; बच्चों के मनोरंजन और अभिरुचि का केंद्र जवाहरलाल नेहरु भवन शामिल हैं। मुलत: हैदर अली और टीपू सुल्तान द्वारा बनवाए गए लालबाग में, जो 250 एकड़ में फैला वानस्पतिक उद्यान है, पोधों की 1,000 से भी अधिक क़िस्में उपलब्ध हैं, इनमें लंदन के क्रिसटल पैलेस पर प्रारूपित ग्लास हाउस भी है और यह पर्यटकों के आकर्षण का एक प्रमुख केंद्र है प्रमुख भवनों में विधान सौध ( 1956 ) तथा बंगलोर क़िला व महल शामिल हैं। अन्य स्थलों में 1990 में स्थापित सॉफ़्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (एस॰टी॰पी॰) नंदी हिल, आग के देवता अग्नि की दुर्लभ प्रतिमा वाला गुफ़ा मंदिर, मेकेदातु, वानरघट्टा नेशनल पार्क, कण्व जलाशय , उलसूर झील और हेसरघट्टा झील शामिल हैं।

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