एलिचपुर: Difference between revisions

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*[[महाराष्ट्र]] के [[बरार|बरार ज़िले]] में [[अमरावती]] के [[उत्तर (दिशा)|उत्तर]] में स्थित '''एलिचपुर''' मध्यकाल का जाना पहचाना नगर था।  
*[[महाराष्ट्र]] के [[बरार|बरार ज़िले]] में [[अमरावती]] के [[उत्तर (दिशा)|उत्तर]] में स्थित '''एलिचपुर''' मध्यकाल का जाना पहचाना नगर था।  
*1296 ई. में [[अलाउद्दीन ख़िलजी]] ने [[देवगिरि]] पर आक्रमण करते समय 8000 घुड़सवारों के साथ के एलिचपुर को घेर लिया था।  
*1296 ई. में [[अलाउद्दीन ख़िलजी]] ने [[देवगिरि]] पर आक्रमण करते समय 8000 घुड़सवारों के साथ के एलिचपुर को घेर लिया था।  
*एलिचपुर उसा समय [[देवगिरि]] के '''राजा रामचन्द्र देव''' के राज्य में था और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित था।
*देवगिरि के विश्वासघातियों की सहायता से जीतने के पश्चात् देवगिरि नरेश से जो अलाउद्दीन ने संधि की उसमें एलिचपुर को उसने अपनी वहाँ रखी जाने वाली सेना के व्यय के लिए मांग लिया था और राजा को पराजित करके एलिचपुर प्रांत को वार्षिक आय देने की संधि पर हस्ताक्षर करने को बाध्य किया था।  
*देवगिरि के विश्वासघातियों की सहायता से जीतने के पश्चात् देवगिरि नरेश से जो अलाउद्दीन ने संधि की उसमें एलिचपुर को उसने अपनी वहाँ रखी जाने वाली सेना के व्यय के लिए मांग लिया था और राजा को पराजित करके एलिचपुर प्रांत को वार्षिक आय देने की संधि पर हस्ताक्षर करने को बाध्य किया था।  
*बाद में रामचन्द्र देव ने एलिचपुर से होने वाली नियमित आमदनी भेजना बन्द कर दिया, तो 1307 ई. में देवगिरि पर फिर आक्रमण किया गया।  
*बाद में रामचन्द्र देव ने एलिचपुर से होने वाली नियमित आमदनी भेजना बन्द कर दिया, तो 1307 ई. में देवगिरि पर फिर आक्रमण किया गया।  
*[[जैन]] ग्रंथों में एलिचपुर को [[एलजिपुर]] कहा है।
*[[जैन]] ग्रंथों में एलिचपुर को [[एलजिपुर]] कहा है।
* बंबई जानेवाले प्रधान रेलमार्ग पर मुर्तिजापुर से एक छोटी रेलवे लाइन यहाँ तक गई है।
*[[बंबई]] जाने वाले प्रधान रेलमार्ग पर मुर्तिजापुर से एक छोटी रेलवे लाइन यहाँ तक गई है।
*मेलघाट और बेतूल जिलों की इमारती लकड़ी का यह एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र है, यह अमरावती और चिकल्दा से अच्छी सड़कों द्वारा मिला हुआ है
*मेलघाट और बेतूल जिलों की इमारती लकड़ी का यह एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र है।
*एलिचपुर उसा समय [[देवगिरि]] के '''राजा रामचन्द्र देव''' के राज्य में था और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित था।
*यह अमरावती और चिकल्दा से अच्छी सड़कों द्वारा मिला हुआ है।
*यहाँ रुई से बिनौला निकालने के कई कारखाने हैं, पास में परतवाड़ा है जहाँ पहले फौजी छावनी थी। एलिच नगर की समृद्धि इमारती लकड़ी और कपास पर निर्भर करती है।  
*यहाँ रुई से बिनौला निकालने के कई कारखाने हैं और पास में परतवाड़ा है जहाँ पहले फौजी छावनी थी।
*एलिच नगर की समृद्धि इमारती लकड़ी और कपास पर निर्भर करती है।




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[[Category:महाराष्ट्र के ऐतिहासिक स्थान]]
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Revision as of 09:48, 17 July 2018

  • महाराष्ट्र के बरार ज़िले में अमरावती के उत्तर में स्थित एलिचपुर मध्यकाल का जाना पहचाना नगर था।
  • 1296 ई. में अलाउद्दीन ख़िलजी ने देवगिरि पर आक्रमण करते समय 8000 घुड़सवारों के साथ के एलिचपुर को घेर लिया था।
  • एलिचपुर उसा समय देवगिरि के राजा रामचन्द्र देव के राज्य में था और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित था।
  • देवगिरि के विश्वासघातियों की सहायता से जीतने के पश्चात् देवगिरि नरेश से जो अलाउद्दीन ने संधि की उसमें एलिचपुर को उसने अपनी वहाँ रखी जाने वाली सेना के व्यय के लिए मांग लिया था और राजा को पराजित करके एलिचपुर प्रांत को वार्षिक आय देने की संधि पर हस्ताक्षर करने को बाध्य किया था।
  • बाद में रामचन्द्र देव ने एलिचपुर से होने वाली नियमित आमदनी भेजना बन्द कर दिया, तो 1307 ई. में देवगिरि पर फिर आक्रमण किया गया।
  • जैन ग्रंथों में एलिचपुर को एलजिपुर कहा है।
  • बंबई जाने वाले प्रधान रेलमार्ग पर मुर्तिजापुर से एक छोटी रेलवे लाइन यहाँ तक गई है।
  • मेलघाट और बेतूल जिलों की इमारती लकड़ी का यह एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र है।
  • यह अमरावती और चिकल्दा से अच्छी सड़कों द्वारा मिला हुआ है।
  • यहाँ रुई से बिनौला निकालने के कई कारखाने हैं और पास में परतवाड़ा है जहाँ पहले फौजी छावनी थी।
  • एलिच नगर की समृद्धि इमारती लकड़ी और कपास पर निर्भर करती है।




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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार, पृष्ठ संख्या - 112, 113

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