एकीकृत भुगतान प्रणाली: Difference between revisions

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'''एकीकृत भुगतान प्रणाली''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Unified Payments Interface'') एक ऐसा तंत्र है जो एक मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से कई बैंक खातों का संचालन, विभिन्न बैंकों की विशेषताओं का समायोजन, निधियों का निर्बाध आवागमन और एक ही छतरी के अंतर्गत व्यापारियों का भुगतान कर सकता है। यह “पीयर-टू-पीयर” अनुरोध को भी पूरा करता है जिसे आवश्यकता और सुविधा के अनुसार निर्धारित कर भुगतान किया जा सकता है। एकीकृत भुगतान प्रणाली का पहला संस्करण [[अप्रैल 2016]] में लॉन्च किया गया था।
'''एकीकृत भुगतान प्रणाली''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Unified Payments Interface'') एक ऐसा तंत्र है जो एक मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से कई बैंक खातों का संचालन, विभिन्न बैंकों की विशेषताओं का समायोजन, निधियों का निर्बाध आवागमन और एक ही छतरी के अंतर्गत व्यापारियों का भुगतान कर सकता है। यह “पीयर-टू-पीयर” अनुरोध को भी पूरा करता है जिसे आवश्यकता और सुविधा के अनुसार निर्धारित कर भुगतान किया जा सकता है। एकीकृत भुगतान प्रणाली का पहला संस्करण [[अप्रॅल 2016]] में लॉन्च किया गया था।
==विशेषताएँ==
==विशेषताएँ==
एकीकृत भुगतान प्रणाली [[भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम]] एवं [[भारतीय रिज़र्व बैंक]] द्वारा शुरू किया गया ऑनलाइन भुगतान का एक नया तरीका है। जो अंतर बैंक लेनदेन को सुविधाजनक बनाता है। राष्ट्रीय भुगतान निगम ने एकीकृत भुगतान इंटरफेस 2.0 लॉन्च किया है। इसकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
एकीकृत भुगतान प्रणाली [[भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम]] एवं [[भारतीय रिज़र्व बैंक]] द्वारा शुरू किया गया ऑनलाइन भुगतान का एक नया तरीका है। जो अंतर बैंक लेनदेन को सुविधाजनक बनाता है। राष्ट्रीय भुगतान निगम ने एकीकृत भुगतान इंटरफेस 2.0 लॉन्च किया है। इसकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं<ref>{{cite web |url= https://www.drishtiias.com/hindi/mains-practice-question/question-700|title=एकीकृत भुगतान प्रणाली क्या है|accessmonthday=10 नवंबर|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=drishtiias.com |language=हिंदी}}</ref>-
*इस संस्करण के तहत ग्राहक अब चालू और बचत खाते के अतिरिक्त अपने ओवरड्राफ्ट खातों को भी यूपीआई से जोड़ पाएंगे। साथ ही ग्राहक तत्काल लेन-देन करने में सक्षम होंगे और ओवरड्राफ्ट खाते से जुड़े सभी लाभ उपयोगकर्त्ताओं को उपलब्ध कराए जाएंगे।
*इस संस्करण के तहत ग्राहक अब चालू और बचत खाते के अतिरिक्त अपने ओवरड्राफ्ट खातों को भी यूपीआई से जोड़ पाएंगे। साथ ही ग्राहक तत्काल लेन-देन करने में सक्षम होंगे और ओवरड्राफ्ट खाते से जुड़े सभी लाभ उपयोगकर्त्ताओं को उपलब्ध कराए जाएंगे।
*यूपीआई का इस्तेमाल एक ऐसे परिदृश्य में किया जा सकता है, जहाँ वर्तमान प्रतिबद्धताओं के माध्यम से बाद में रुपए स्थानांतरित किया जाना है।
*यूपीआई का इस्तेमाल एक ऐसे परिदृश्य में किया जा सकता है, जहाँ वर्तमान प्रतिबद्धताओं के माध्यम से बाद में रुपए स्थानांतरित किया जाना है।

Latest revision as of 09:56, 10 November 2020

एकीकृत भुगतान प्रणाली (अंग्रेज़ी: Unified Payments Interface) एक ऐसा तंत्र है जो एक मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से कई बैंक खातों का संचालन, विभिन्न बैंकों की विशेषताओं का समायोजन, निधियों का निर्बाध आवागमन और एक ही छतरी के अंतर्गत व्यापारियों का भुगतान कर सकता है। यह “पीयर-टू-पीयर” अनुरोध को भी पूरा करता है जिसे आवश्यकता और सुविधा के अनुसार निर्धारित कर भुगतान किया जा सकता है। एकीकृत भुगतान प्रणाली का पहला संस्करण अप्रॅल 2016 में लॉन्च किया गया था।

विशेषताएँ

एकीकृत भुगतान प्रणाली भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम एवं भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा शुरू किया गया ऑनलाइन भुगतान का एक नया तरीका है। जो अंतर बैंक लेनदेन को सुविधाजनक बनाता है। राष्ट्रीय भुगतान निगम ने एकीकृत भुगतान इंटरफेस 2.0 लॉन्च किया है। इसकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं[1]-

  • इस संस्करण के तहत ग्राहक अब चालू और बचत खाते के अतिरिक्त अपने ओवरड्राफ्ट खातों को भी यूपीआई से जोड़ पाएंगे। साथ ही ग्राहक तत्काल लेन-देन करने में सक्षम होंगे और ओवरड्राफ्ट खाते से जुड़े सभी लाभ उपयोगकर्त्ताओं को उपलब्ध कराए जाएंगे।
  • यूपीआई का इस्तेमाल एक ऐसे परिदृश्य में किया जा सकता है, जहाँ वर्तमान प्रतिबद्धताओं के माध्यम से बाद में रुपए स्थानांतरित किया जाना है।
  • इसमें ग्राहक लेन-देन को पूर्व अधिकृत कर सकते हैं और बाद की तारीख में भुगतान कर सकते हैं।
  • इसमें में एक सुविधा यह है कि ग्राहक भुगतान करने से पहले व्यापारी द्वारा भेजे गए चालान की जाँच कर सकते हैं। इसका उद्देश्य ग्राहकों को प्रमाण-पत्र देखने और सत्यापित करने में सहायता करना तथा यह जाँचना है कि इसे सही व्यापारी द्वारा भेजा गया है या नहीं।
  • कोड स्कैन करते समय व्यापारियों की प्रामाणिकता की जाँच करने हेतु ग्राहकों के लिये एक त्वरित प्रतिक्रिया कोड सुविधा पेश की गई है। यह उपयोगकर्त्ता को सूचित करता है कि व्यापारी यूपीआई द्वारा सत्यापित है या नहीं।
  • इसमें लेन-देन तेज़ी से संसाधित होते हैं क्योंकि हस्ताक्षरित इंटेंट के मामले में एप पासकोड की आवश्यकता नहीं होती है। यह क्यूआर छेड़छाड़ की संभावनाओं को भी अस्वीकार करता है।
  • इसके अतिरिक्त प्राप्तकर्त्ता के अधिसूचनाओं के माध्यम से सुरक्षित नहीं होने से ग्राहकों को सूचित किया जाता है।
  • यूपीआई 2.0 के लॉन्च के साथ ही इसके विस्तार से नए रिकॉर्ड स्थापित करने की उम्मीद है, विशेष रूप से व्यक्ति से व्यापारी को किये जाने वाले भुगतान के मामले में। इसकी उच्च मात्रा, कम लागत और एक खुले स्रोत पर निर्मित मापनीय मंच होना, भारत की डिज़िटल अर्थव्यवस्था में परिवर्तन की एक कुंजी है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. एकीकृत भुगतान प्रणाली क्या है (हिंदी) drishtiias.com। अभिगमन तिथि: 10 नवंबर, 2020।

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