पोकरण जैसलमेर: Difference between revisions
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[[जैसलमेर]] [[राजस्थान]] का सबसे ख़ूबसूरत शहर है और [[जैसलमेर पर्यटन]] का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। पोकरण प्रमुख कस्बा जैसलमेर से 110 किमी. दूर [[जोधपुर]] मार्ग पर स्थित है। लाल पत्थरों से निर्मित सुन्दर दुर्ग पोकरण में है। सन 1550 में [[राव मालदेव]] ने इसका निर्माण कराया था। [[बाबा रामदेव]] के गुरुकुल के रूप में यह स्थल विख्यात हैं। पोकरण से तीन किलोमीटर दूर स्थित 'सातलमेर' को पोकरण की प्राचीन राजधानी होने का गौरव प्राप्त हैं। पोकरण के पास आशापूर्णा मंदिर, खींवज माता का मंदिर, कैलाश टेकरी दर्शनीय हैं। 18 मई 1974 को यहाँ [[भारत]] का पहला भूमिगत परमाणु परीक्षण किया गया था। पुनः 11 और 13 मई 1998 को यह स्थान इन्हीं परीक्षणों के लिए चर्चित रहा है। | [[जैसलमेर]] [[राजस्थान]] का सबसे ख़ूबसूरत शहर है और [[जैसलमेर पर्यटन]] का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। पोकरण प्रमुख कस्बा जैसलमेर से 110 किमी. दूर [[जोधपुर]] मार्ग पर स्थित है। लाल पत्थरों से निर्मित सुन्दर दुर्ग पोकरण में है। सन 1550 में [[राव मालदेव]] ने इसका निर्माण कराया था। [[बाबा रामदेव]] के गुरुकुल के रूप में यह स्थल विख्यात हैं। पोकरण से तीन किलोमीटर दूर स्थित 'सातलमेर' को पोकरण की प्राचीन राजधानी होने का गौरव प्राप्त हैं। पोकरण के पास आशापूर्णा मंदिर, खींवज माता का मंदिर, कैलाश टेकरी दर्शनीय हैं। 18 मई 1974 को यहाँ [[भारत]] का पहला भूमिगत परमाणु परीक्षण किया गया था। पुनः 11 और 13 मई 1998 को यह स्थान इन्हीं परीक्षणों के लिए चर्चित रहा है। | ||
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जैसलमेर | जैसलमेर पर्यटन | जैसलमेर ज़िला |
[[चित्र:Pokaran-Jaisalmer.jpg|thumb|250px|पोकरण, जैसलमेर
Pokaran, Jaisalmer]]
जैसलमेर राजस्थान का सबसे ख़ूबसूरत शहर है और जैसलमेर पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। पोकरण प्रमुख कस्बा जैसलमेर से 110 किमी. दूर जोधपुर मार्ग पर स्थित है। लाल पत्थरों से निर्मित सुन्दर दुर्ग पोकरण में है। सन 1550 में राव मालदेव ने इसका निर्माण कराया था। बाबा रामदेव के गुरुकुल के रूप में यह स्थल विख्यात हैं। पोकरण से तीन किलोमीटर दूर स्थित 'सातलमेर' को पोकरण की प्राचीन राजधानी होने का गौरव प्राप्त हैं। पोकरण के पास आशापूर्णा मंदिर, खींवज माता का मंदिर, कैलाश टेकरी दर्शनीय हैं। 18 मई 1974 को यहाँ भारत का पहला भूमिगत परमाणु परीक्षण किया गया था। पुनः 11 और 13 मई 1998 को यह स्थान इन्हीं परीक्षणों के लिए चर्चित रहा है।
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