गोमुख मंदिर: Difference between revisions
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गोमुख मंदिर परिसर में गाय की एक मूर्ति है जिसके सिर के ऊपर प्राकृतिक रूप से एक धारा बहती रहती है। इसी कारण इस मंदिर को गोमुख मंदिर कहा जाता है। संत वशिष्ठ ने इसी स्थान पर यज्ञ का आयोजन किया था। मंदिर में अरबुआदा सर्प की एक विशाल प्रतिमा है। संगमरमर से बनी नंदी की आकर्षक प्रतिमा को भी यहाँ देखा जा सकता है। मंदिर के सामने बने अनेक अस्थायी रेस्तरां और शीतल पेय कंपनियों के विज्ञापनों ने वहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य बिगाड़ रखा था। गुरु शिखर पर एक घंटा लगा हुआ है जिसे हर पर्यटक बजाता है। दूर तक फैली उसकी गूंज मे एक आनंद है। यहाँ से आसपास का विहंगम दृश्य देखते ही बनता है। | गोमुख मंदिर परिसर में गाय की एक मूर्ति है जिसके सिर के ऊपर प्राकृतिक रूप से एक धारा बहती रहती है। इसी कारण इस मंदिर को गोमुख मंदिर कहा जाता है। संत वशिष्ठ ने इसी स्थान पर यज्ञ का आयोजन किया था। मंदिर में अरबुआदा सर्प की एक विशाल प्रतिमा है। संगमरमर से बनी नंदी की आकर्षक प्रतिमा को भी यहाँ देखा जा सकता है। मंदिर के सामने बने अनेक अस्थायी रेस्तरां और शीतल पेय कंपनियों के विज्ञापनों ने वहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य बिगाड़ रखा था। गुरु शिखर पर एक घंटा लगा हुआ है जिसे हर पर्यटक बजाता है। दूर तक फैली उसकी गूंज मे एक आनंद है। यहाँ से आसपास का विहंगम दृश्य देखते ही बनता है। | ||
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Revision as of 12:11, 10 January 2011
[[चित्र:Gaumukh-Temple-Mount-Abu.jpg|thumb|250px|गोमुख मंदिर, माउंट आबू
Gaumukh Temple, Mount Abu]]
माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है। माउंट आबू में अनेक पर्यटन स्थल हैं। इनमें कुछ शहर से दूर हैं तो कुछ शहर के आसपास ही हैं।
गोमुख मंदिर परिसर में गाय की एक मूर्ति है जिसके सिर के ऊपर प्राकृतिक रूप से एक धारा बहती रहती है। इसी कारण इस मंदिर को गोमुख मंदिर कहा जाता है। संत वशिष्ठ ने इसी स्थान पर यज्ञ का आयोजन किया था। मंदिर में अरबुआदा सर्प की एक विशाल प्रतिमा है। संगमरमर से बनी नंदी की आकर्षक प्रतिमा को भी यहाँ देखा जा सकता है। मंदिर के सामने बने अनेक अस्थायी रेस्तरां और शीतल पेय कंपनियों के विज्ञापनों ने वहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य बिगाड़ रखा था। गुरु शिखर पर एक घंटा लगा हुआ है जिसे हर पर्यटक बजाता है। दूर तक फैली उसकी गूंज मे एक आनंद है। यहाँ से आसपास का विहंगम दृश्य देखते ही बनता है।
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