हिन्दी सामान्य ज्ञान 10: Difference between revisions
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||[[कबीरदास]] के जन्म के संबंध में अनेक किंवदन्तियाँ हैं। कुछ लोगों के अनुसार वे गुरु रामानन्द स्वामी के आशीर्वाद से [[काशी]] की एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। ब्राह्मणी उस नवजात शिशु को लहरतारा ताल के पास फेंक आयी। उसे नीरु नाम का जुलाहा अपने घर ले आया। उनकी माता का नाम 'नीमा' था। उसी ने उसका पालन-पोषण किया। बाद में यही बालक कबीर कहलाया। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[कबीरदास]] | ||[[कबीरदास]] के जन्म के संबंध में अनेक किंवदन्तियाँ हैं। कुछ लोगों के अनुसार वे गुरु रामानन्द स्वामी के आशीर्वाद से [[काशी]] की एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। ब्राह्मणी उस नवजात शिशु को लहरतारा ताल के पास फेंक आयी। उसे नीरु नाम का जुलाहा अपने घर ले आया। उनकी माता का नाम 'नीमा' था। उसी ने उसका पालन-पोषण किया। बाद में यही बालक कबीर कहलाया। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[कबीरदास]] | ||
{'अष्टछाप' के सर्वश्रेष्ठ भक्त कवि कौन | {'अष्टछाप' के सर्वश्रेष्ठ भक्त कवि कौन हैं? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-कुंभनदास | -कुंभनदास | ||
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-[[परमानंद दास]] | -[[परमानंद दास]] | ||
-कृष्ण दास | -कृष्ण दास | ||
||[[हिन्दी]] साहित्य के भक्तिकाल में कृष्ण भक्ति के भक्त कवियों में महाकवि सूरदास का नाम अग्रणी है। सूरदास जी वात्सल्य रस के सम्राट माने जाते हैं। उन्होंने श्रृंगार और शान्त रसों का भी बड़ा मर्मस्पर्शी वर्णन किया है। उनका जन्म 1478 ईस्वी में [[मथुरा]] [[आगरा]] मार्ग पर स्थित [[रुनकता]] नामक | ||[[हिन्दी]] साहित्य के भक्तिकाल में कृष्ण भक्ति के भक्त कवियों में महाकवि सूरदास का नाम अग्रणी है। सूरदास जी वात्सल्य रस के सम्राट माने जाते हैं। उन्होंने श्रृंगार और शान्त रसों का भी बड़ा मर्मस्पर्शी वर्णन किया है। उनका जन्म 1478 ईस्वी में [[मथुरा]] [[आगरा]] मार्ग पर स्थित [[रुनकता]] नामक गाँव में हुआ था। कुछ लोगों का कहना है कि सूरदास जी का जन्म सीही नामक ग्राम में एक ग़रीब सारस्वत ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बाद में वह [[आगरा]] और [[मथुरा]] के बीच गऊघाट पर आकर रहने लगे थे। आचार्य [[रामचन्द्र शुक्ल]] जी के मतानुसार सूरदास का जन्म संवत् 1540 वि. के सन्निकट और मृत्यु संवत 1620 वि. के आसपास मानी जाती है। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[सूरदास]] | ||
{[[भूषण]] किस [[रस]] के कवि हैं? | |||
{[[भूषण]] किस [[रस]] के कवि | |||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-रौद्र रस | -रौद्र रस | ||
+वीर रस | +वीर रस | ||
-करुण रस | -करुण रस | ||
- | -श्रृंगार रस | ||
{[[हिन्दी]] का आदि कवि किसे माना जाता है? | {[[हिन्दी]] का आदि कवि किसे माना जाता है? | ||
Line 54: | Line 46: | ||
-पुष्पदंत | -पुष्पदंत | ||
{'[[रामचरितमानस]]' में कितने काण्ड | {'[[रामचरितमानस]]' में कितने काण्ड हैं? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-(4) | -(4) | ||
Line 75: | Line 67: | ||
-पात्रों की विविधता | -पात्रों की विविधता | ||
{[[हिन्दी]] पत्रिका 'कादम्बिनी' के संपादक कौन | {[[हिन्दी]] पत्रिका 'कादम्बिनी' के संपादक कौन हैं? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+राजेन्द्र अवस्थी | +राजेन्द्र अवस्थी | ||
Line 87: | Line 79: | ||
+वीर रस | +वीर रस | ||
-करुण रस | -करुण रस | ||
- | -श्रृंगार रस | ||
{[[सूर्यकांत त्रिपाठी निराला]] को कैसा कवि माना जाता है? | {[[सूर्यकांत त्रिपाठी निराला]] को कैसा कवि माना जाता है? | ||
Line 102: | Line 94: | ||
-एकदा नैमिषारण्ये | -एकदा नैमिषारण्ये | ||
+परख | +परख | ||
{कवि [[कालिदास]] की 'अभिज्ञान शाकुंतलम' का [[हिन्दी]] अनुवाद किसने किया? | {कवि [[कालिदास]] की 'अभिज्ञान शाकुंतलम' का [[हिन्दी]] अनुवाद किसने किया? | ||
Line 138: | Line 123: | ||
-चम्पू काव्य | -चम्पू काव्य | ||
{'गागर में सागर' भरने का कार्य | {'गागर में सागर' भरने का कार्य किस कवि ने किया है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[बिहारीलाल]] | +[[बिहारीलाल]] | ||
-[[घनानंद]] | -[[घनानंद]] | ||
-[[रसखान | -[[रसखान]] | ||
-[[सूरदास]] | -[[सूरदास]] | ||
Line 187: | Line 172: | ||
-[[बाणभट्ट]] | -[[बाणभट्ट]] | ||
+अलका सरावगी | +अलका सरावगी | ||
{'[[मुख]] रूपी चाँद पर राहु भी धोखा खा गया' पंक्तियों में अलंकार है- | |||
|type="()"} | |||
-श्लेष | |||
-वक्रोक्ति | |||
-उपमा | |||
+रूपक | |||
{जहाँ किसी वस्तु का लोक-सीमा से इतना बढ़कर वर्णन किया जाए कि वह असम्भव की सीमा तक पहुँच जाए, वहाँ अलंकार होता है- | |||
|type="()"} | |||
-[[अतिशयोक्ति अलंकार|अतिशयोक्ति]] | |||
-विरोधाभास | |||
+अत्युक्ति | |||
-[[उत्प्रेक्षा अलंकार|उत्प्रेक्षा]] | |||
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Revision as of 10:46, 14 January 2011
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