अंग महाजनपद: Difference between revisions

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*पौराणिक 16 [[महाजनपद|महाजनपदों]] में से एक था।  
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*वर्तमान के [[बिहार]] के [[मुंगेर]] और [[भागलपुर]] ज़िले इसमें आते थे।  
*वर्तमान के [[बिहार]] के [[मुंगेर]] और [[भागलपुर]] ज़िले इसमें आते थे।  
*इनकी राजधानी [[चंपा]] थी।  
*महाजनपद युग में अंग महाजनपद की राजधानी [[चंपा]] थी।
*[[महाभारत]] ग्रन्थ में प्रसंग है कि [[हस्तिनापुर]] में [[कौरव]] राजकुमारों के युद्ध कौशल के प्रदर्शन हेतु आचार्य [[द्रोणाचार्य|द्रोण]] ने एक प्रतियोगिता का आयोजन किया। [[अर्जुन]] इस प्रतियोगिता में सर्वोच्च प्रतिभाशाली धनुर्धर के रूप में उभरा। [[कर्ण]] ने इस प्रतियोगिता में अर्जुन को द्वन्द युद्घ के लिए चुनौती दी। किन्तु [[कृपाचार्य]] ने यह कहकर ठुकरा दिया कि कर्ण कोई राजकुमार नहीं है। इसलिए इस प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकता।  
*[[महाभारत]] ग्रन्थ में प्रसंग है कि [[हस्तिनापुर]] में [[कौरव]] राजकुमारों के युद्ध कौशल के प्रदर्शन हेतु आचार्य [[द्रोणाचार्य|द्रोण]] ने एक प्रतियोगिता का आयोजन किया। [[अर्जुन]] इस प्रतियोगिता में सर्वोच्च प्रतिभाशाली धनुर्धर के रूप में उभरा। [[कर्ण]] ने इस प्रतियोगिता में अर्जुन को द्वन्द युद्घ के लिए चुनौती दी। किन्तु [[कृपाचार्य]] ने यह कहकर ठुकरा दिया कि कर्ण कोई राजकुमार नहीं है। इसलिए इस प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकता।  
*[[दुर्योधन]] ने कर्ण को अंग देश का राजा घोषित कर दिया था।
*[[दुर्योधन]] ने कर्ण को अंग देश का राजा घोषित कर दिया था।


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Revision as of 11:29, 4 July 2011

चित्र:Disamb2.jpg अंग एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- अंग (बहुविकल्पी)

thumb|300px|अंग महाजनपद
Anga Great Realm

पौराणिक वर्णन

  • पौराणिक 16 महाजनपदों में से एक था।
  • वर्तमान के बिहार के मुंगेर और भागलपुर ज़िले इसमें आते थे।
  • महाजनपद युग में अंग महाजनपद की राजधानी चंपा थी।
  • महाभारत ग्रन्थ में प्रसंग है कि हस्तिनापुर में कौरव राजकुमारों के युद्ध कौशल के प्रदर्शन हेतु आचार्य द्रोण ने एक प्रतियोगिता का आयोजन किया। अर्जुन इस प्रतियोगिता में सर्वोच्च प्रतिभाशाली धनुर्धर के रूप में उभरा। कर्ण ने इस प्रतियोगिता में अर्जुन को द्वन्द युद्घ के लिए चुनौती दी। किन्तु कृपाचार्य ने यह कहकर ठुकरा दिया कि कर्ण कोई राजकुमार नहीं है। इसलिए इस प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकता।
  • दुर्योधन ने कर्ण को अंग देश का राजा घोषित कर दिया था।


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