किरीट सवैया: Difference between revisions

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Latest revision as of 13:58, 1 December 2011

किरीट सवैया नामक छंद आठ भगणों से बनता है। तुलसी, केशव, देव और दास ने इस छन्द का प्रयोग किया है। इसमें 12, 12 वर्णों पर यती होती है।

  • "जानकी जीवन को जन है जरि जाउ सो आँचल औरहि।" [1]
  • "तोरथो सरासन संकर को जेहि सोऽब कहा तुव लंक न तोरहि।"[2]
  • "अंसबली जनम्यौ जदुबंस, सुजान्यौ जसोमति कंस-कथा सुनि।" [3]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कवितावली, 7 : 26
  2. रामचन्द्रिका, 15 : 7
  3. (देव : शब्द रसायन, 5 : वीर-अद्भुत

धीरेंद्र, वर्मा “भाग- 1 पर आधारित”, हिंदी साहित्य कोश (हिंदी), 741।

बाहरी कड़ियाँ

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