User:रविन्द्र प्रसाद/2: Difference between revisions
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-[[गुरु अर्जुन देव]] | -[[गुरु अर्जुन देव]] | ||
+[[गुरु गोविन्द सिंह]] | +[[गुरु गोविन्द सिंह]] | ||
||गुरु गोविन्द सिंह सिक्खों के दसवें तथा अंतिम गुरु माने जाते हैं। इन्होंने युद्ध की प्रत्येक स्थिति में सदा तैयार रहने के लिए सिक्खों के लिए पाँच 'ककार' (कक्के) अनिवार्य घोषित किए थे, जिन्हें आज भी प्रत्येक सिक्ख धारण करना अपना गौरव समझता है। ये ककार थे, 'केश'-जिसे सभी गुरु और ऋषि-मुनि धारण करते आए | ||[[चित्र:Guru Gobind Singh.jpg|right|120px|गुरु गोविन्द सिंह]]गुरु गोविन्द सिंह सिक्खों के दसवें तथा अंतिम गुरु माने जाते हैं। इन्होंने युद्ध की प्रत्येक स्थिति में सदा तैयार रहने के लिए सिक्खों के लिए पाँच 'ककार' (कक्के) अनिवार्य घोषित किए थे, जिन्हें आज भी प्रत्येक [[सिक्ख]] धारण करना अपना गौरव समझता है। ये ककार थे, 'केश'-जिसे सभी गुरु और [[ऋषि]]-[[मुनि]] धारण करते आए थे; 'कंघा'-केशों को साफ करने के लिए; 'कच्छा'-स्फूर्ति के लिए; 'कड़ा'-नियम और संयम में रहने की चेतावनी देने के लिए; 'कृपाण'-आत्मरक्षा के लिए। | ||
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Revision as of 08:41, 17 December 2011
कला और संस्कृति
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