कवितावली (पद्य): Difference between revisions
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''''कवितावली'''' [[गोस्वामी तुलसीदास]] की प्रमुख रचनाओं में है। 16वीं [[शताब्दी]] में रची गयी कवितावली में [[राम|श्री रामचन्द्र जी]] के इतिहास का वर्णन कवित्त, [[चौपाई]], [[सवैया]] आदि [[छंद|छंदों]] में की गई है। | ''''कवितावली'''' [[गोस्वामी तुलसीदास]] की प्रमुख रचनाओं में है। 16वीं [[शताब्दी]] में रची गयी कवितावली में [[राम|श्री रामचन्द्र जी]] के इतिहास का वर्णन कवित्त, [[चौपाई]], [[सवैया]] आदि [[छंद|छंदों]] में की गई है। 'कवितावली' के अधिकतर छ्न्द केशव की 'कविप्रिया' तथा 'रसिकप्रिया' के रचना- काल के आस- पास और बाद के है । जो छ्न्द उत्तरकाण्ड में आते हैं उनमें भी तुलसीदास के कवि- जीवन के उत्तरार्द्ध की ही घटनाओं का उल्लेख हुआ है। कुछ छ्न्द तो कवि के जीवन के निरे अंत के ज्ञात होते हैं। इसलिए 'कवितावली' के छ्न्दों का रचना- काल संख्या 1655 से 1680 तक ज्ञात होता है। | ||
*[[कवितावली (पद्य)-बाल काण्ड]] | *[[कवितावली (पद्य)-बाल काण्ड]] | ||
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*कवितावली (पद्य)-सुन्दर काण्ड | |||
*कवितावली (पद्य)-लंका काण्ड | |||
*कवितावली (पद्य)-उत्तर काण्ड | |||
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Revision as of 15:09, 14 September 2012
right|thumb|250px|कवितावली 'कवितावली' गोस्वामी तुलसीदास की प्रमुख रचनाओं में है। 16वीं शताब्दी में रची गयी कवितावली में श्री रामचन्द्र जी के इतिहास का वर्णन कवित्त, चौपाई, सवैया आदि छंदों में की गई है। 'कवितावली' के अधिकतर छ्न्द केशव की 'कविप्रिया' तथा 'रसिकप्रिया' के रचना- काल के आस- पास और बाद के है । जो छ्न्द उत्तरकाण्ड में आते हैं उनमें भी तुलसीदास के कवि- जीवन के उत्तरार्द्ध की ही घटनाओं का उल्लेख हुआ है। कुछ छ्न्द तो कवि के जीवन के निरे अंत के ज्ञात होते हैं। इसलिए 'कवितावली' के छ्न्दों का रचना- काल संख्या 1655 से 1680 तक ज्ञात होता है।
- कवितावली (पद्य)-बाल काण्ड
- कवितावली (पद्य)-अयोध्या काण्ड
- कवितावली (पद्य)-अरण्य काण्ड
- कवितावली (पद्य)-किष्किन्धा काण्ड
- कवितावली (पद्य)-सुन्दर काण्ड
- कवितावली (पद्य)-लंका काण्ड
- कवितावली (पद्य)-उत्तर काण्ड
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख